NCR News:कोरोना काल में कुछ लोग योद्धा की तरह काम कर रहे हैं। वे अपनी सुध-बुध खोकर दूसरों की सेवा मे जुटे हैं। लोगों को सांसें देने की कोशिशों के साथ ही सांसें थम जाने पर भी ये लोग अपना दायित्व और मानव धर्म निभाने में जुटे हैं। आज मिलवाते हैं आपको कुछ और योद्धाओं से जो संकट के इस दौर में सिपाही की तरह खड़े हैं...सबह से शाम तक पीपीई किट पहनकर लगाती हैं वैक्सीन संगीता, नर्स, जिला महिला अस्पताल, फतेहपुर जिला महिला अस्पताल में सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक पीपीई किट पहनकर नर्स संगीता कोरोना वैक्सीन लगाती हैं। शनिवार को हालांकि टीका लगवाने वाले कम आए थे उसके बाद भी उन्होंने 3 बजे तक किट नहीं उतारी। बताती हैं कि परिवार के मोह से दायित्व का निर्वहन अधिक महत्व रखता है। वे बताती हैं हैं कि यहां से जाने के बाद सैनिटाइजेशन और फिर बच्चों से मिलती हैं। कहती हैं कि हमे यही सिखाया गया है। जब संकट काल हो तो मुंह नहीं फेरना चाहिए। मनीष, मो. फिरोज, डॉ. धीरज, भारत रक्षा दल, आजमगढ़कोरोना के इस काल में जहां अपने भी कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार में शामिल होने से परहेज कर रहे हैं वहां भारत रक्षा दल के तीन साथी मनीष कृष्ण, मो. फिरोज और  धीरज श्रावास्तव लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। उनके द्वारा हाल ही में पांच लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। कोरोना संक्रमित की मौत पर उनके  कार्यकर्ता लोगों के इनकार करने पर कंधा देने पहुंच जाते हैं तो कभी श्मशान में कम पड़ रही लकड़ियों की व्यवस्था करते हैं। साल 2020 से अब तक कोरोना काल में उनके द्वारा 13 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। इतना ही नहीं संगठन ऐसे लोगों को भी कंधा देने के लिए तैयार रहता है जो लोग संगठन के पास शवों को उठाने के लिए फोन करते हैं। इस काम में संगठन के कई साथ संक्रमित तक हो चुके हैं। 

 

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