आगरा। क्या कोई धर्म या मजहब किसी की मौत पर जश्न मनाने एक दूसरे को गले मिलकर बधाई देने की इजाजत देता है। क्या यह किसी धर्म या मजहब का हिस्सा हो सकता है। क्या यह इंसानियत मानवता का सीधे तौर पर खून नहीं है। सच्चाई की बुराई पर जीत के प्रति त्यौहार दशहरे पर भगवान श्री राम द्वारा रावण का वध किया जाता है लेकिन किसी को शुभकामनाएं या मुबारकबाद नहीं दी जाती मोहब्बत की नगरी आगरा में शहर मुफ्ती आगरा के फतवे की मुखालफत करने वाले चर्चित मुस्लिम युवक नवाब गुल चमन शेरवानी की मौत की झूठी खबर पर मुस्लिम बहुल क्षेत्र में जश्न मनाया गया। एक दूसरे को गले मिलकर तथा दूसरे शहरों में मौजूद लोगों को फोन पर मुबारकबाद देने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा देखते ही देखते शेरवानी की मौत की खबर देशभर के मुस्लिम व्हाट्सएप ग्रुप में जंगल की आग की तरह फैल गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दिनों शाहगंज के आजम पाड़ा निवासी नवाब गुल चमन शेरवानी ने वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना तथा राहुल शर्मा को श्रद्धांजलि दी थी दोनों ही पत्रकारों ने पिछले साल दिल्ली में चल रहे मरकज के मौलाना साद पर निशाना साधा था मौलाना साद को लुटेरा भगोरा बताते हुए गिरफ्तारी की मांग करते हुए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था जिसके चलते मुस्लिम समाज में दोनों के प्रति भारी रोष था मुस्लिम युवक द्वारा श्रद्धांजलि देने पर शहर के लोगों ने शहर मुफ्ती आगरा से सवाल किया शहर मुफ्ती ने अपना बयान जारी किया कि गैर मुस्लिम काफिर की मौत पर मुस्लिम अफसोस जाहिर नहीं कर सकता उक्त बयान शहर के मुस्लिम व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल होने लगा शहर मुफ्ती का यह फतवा मुस्लिम युवक नवाब गुल चमन शेरवानी को रास नहीं आया शेरवानी ने शहर मुफ्ती के फतवे का विरोध करते हुए आम जनता से आपसी भाईचारा कायम रखते हुए मौलाना के फतवे को नजरअंदाज करने की अपील की श्री शेरवानी ने मौलाना के फतवे को इंसानियत का खून आपसी भाईचारे में दरार डालने वाला बयान बताते हुए कहा कि यदि उक्त बयान शरीयत का हिस्सा है तो मैं फक्र से नहीं कह सकता कि मैं मुस्लिम हूं जानकारी होने पर शहर मुफ्ती आगरा ने मुस्लिम युवक शेरवानी से इस्लामिक रिश्ता खत्म करने मरने के बाद कब्रिस्तान में दफनाने ना देने का पर बयान जारी करते हुए ऑडियो वायरल किया वक्त फतवा शहर के तमाम मुस्लिम व्हाट्सएप ग्रुपों के साथ-साथ देश भर के मुस्लिम व्हाट्सएप ग्रुप में पहुंच गया व्हाट्सएप ग्रुप सोशल मीडिया पर शेरवानी परिवार का भारी विरोध शुरू हो बसपा के एक मुस्लिम पूर्व विधायक के भाई ने शेरवानी का फोटो व मोबाइल नंबर व्हाट्सएप ग्रुप में सेंड करते हुए सबक सिखाने की बात कही तो एक मुस्लिम वरिष्ठ अधिवक्ता ने शेरवानी पर पुलिस का दलाल होने का आरोप लगाते हुए न्यायालय से मुकदमा डालने को कहा शहर के एक युवा मुस्लिम समाज सेवी ने उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देते हुए शेरवानी के विरुद्ध धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए मुकदमा कायम ना होने पर जिला मुख्यालय पर भारी संख्या में मुस्लिम समाज के साथ धरना प्रदर्शन करने का ऐलान करते हुए प्रार्थना पत्र दिया तो तमाम व्हाट्सएप ग्रुप में नौजवानों का कहना था कि शेरवानी ने इस्लाम की तौहीन की है इसमें कानून का सहारा नहीं लेना चाहिए सीधे तौर पर शेरवानी को सबक सिखाना चाहिए कोई घर में घुसकर मारने तो कोई बुलाकर हाथ पैर तोड़ने की बात कहने लगा तेजी से मामला बढ़ते हुए देख कर शहर मुफ्ती ने बयान जारी किया कि शेरवानी के विरुद्ध कोई भी कानूनी कार्रवाई ना की जाए और ना ही किसी भी तरह की मारपीट की जाए उसे इस्लामिक तौर पर रिश्ता खत्म कर लेना चाहिए यही इस्लाम कहता है शहर मुफ्ती के उक्त बयान के बाद सोशल मीडिया पर बवाल थम गया शेरवानी का कहना है कि शहर मुफ्ती साहब के बयान के बाद मुस्लिम कट्टरपंथी उसकी जान के दुश्मन बने हुए हैं उसे अपनी हत्या की आशंका है। शेरवानी का कहना है कि कुछ लोग उसकी तथा उसके परिवार की नाबालिक हिंदू युवक से हत्या कराना चाहते हैं जिससे कि मुस्लिम नेताओं का हत्याकांड से नाम दूर रहे तथा नाबालिक और हिंदू होने के कारण आरोपी को बेल मिल जाए तथा सजा भी ना हो शेरवानी ने इलाका पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी हत्या के बाद इलाका पुलिस वालों की आशंका के चलते राजनीतिक दबाव में मामले को रफा-दफा करने का प्रयास करेगी लेकिन मेरी हत्या की सीबीआई जांच होनी चाहिए जिससे कि दोषियों को सजा मिल सके इस प्रकरण के लिए शहर मूर्ति आगरा पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं क्योंकि उनके द्वारा जारी किया गया फतवे के बाद से ही उनका देश भर में विरोध शुरु हुआ है यदि उनकी हत्या होती है तो उन्हें साजिश के तहत लोगों को हत्या करने के लिए उकसाने के मामला चलाया जाना चाहिए इस संबंध में शेरवानी ने मुख्यमंत्री मुख्य सचिव डीजीपी आदि को पत्र लिखकर अवगत कराया कल शाम देर रात तांगा चलाने वाले बुजुर्ग गुल चमन नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी जो कि खेरागढ़ के अंतर्गत सॉन्ग गांव के रहने वाले थे तथा जगनेर रोड धनौली क्षेत्र में किराए के मकान में रहते थे जिसकी खबर मिलने पर लोगों ने को लगा कि गुल चमन शेरवानी की मौत हो गई है शेरवानी की मौत की झूठी खबर जंगल की आग की तरह शहर भर के साथ-साथ आसपास के शहरों में भी पहुंच गई और लोगों ने एक दूसरे को बधाई देना शुरू कर दिया आजम पाला हमीद नगर शाहगंज सराय ख्वाजा शिवनगर कमाल का लोहा मंडी मंटोला नाई की मंडी टेढ़ी बगिया शमशाबाद फतेहाबाद फतेहपुर सीकरी किरावली जगनेर खेरागढ़ क्षेत्रों में लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दी तथा मुंह मीठा कराया कुछ लोग आजम पारा कब्रिस्तान जानकारी करने तो कुछ लोग पंचकुइयां कब्रिस्तान जानकारी करने पहुंचे और कब्रिस्तान के बाहर खड़े हो गए लेकिन जब उन्हें पता चला कि शेरवानी जीवित है तो उनके अरमानों पर पानी गिर गए और वह मायूस होकर वापस चले आए दिल में मानवता और इंसानियत रखने वाले लोग कभी सोचा भी नहीं जा सकता कि कट्टरपंथीता चलते लोग इस हद तक गिर सकते हैं कि किसी की मौत पर जश्न मनाएं मिठाई बांटे एक दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद दे क्या यही इंसानियत है क्या यही मानवता है प्रशासन को ऐसे लोगों पर ध्यान देते हुए कार्यवाही करनी चाहिए।
झुठी लोकप्रियता हासिल करने का एक तारीका है ये
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