प्रदेश सरकार की कोरोना नियंत्रण समिति के अध्यक्ष एवं केजीएमयू, लखनऊ में रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के हेड डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि कोरोना मरीज की मृत्यु के बाद डेड बॉडी में वायरस चार घंटे तक जीवित रहता है। उस अवधि के बाद उस बॉडी से कोई खतरा नहीं होता।शनिवार को भारत विकास परिषद, वरुणा की ओर से संचालित दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र पर मीडिया से बातचीत में डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि यदि हम मरीज के मृत शरीर को साधारण पानी और साबुन के घोल से नहला दें तब भी कोरोना का कोई विषाणु उस पर जीवित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने धर्म के अनुसार सम्मानित तरीके से मृतक का संस्कार करना चाहिए। उसे भय वश नदी में प्रवाहित करना ठीक नहीं है। इससे अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है, वहां कोरोना से होने वाली गंभीरता को रोकना गंभीर चुनौती है। हम गांवों में नियुक्त आशा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देने के साथ ऑक्सीमिटर और थर्मामीटर जैसे उपकरण उपलब्ध कराएं। उन्हें गंभीर मरीज़ों को ही बड़े अस्पतालों में भेजने के लिए निर्देशित कर सकते है।

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