NCR News: नए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा से बातचीत की इनपुट मिला।चुनाव से पहले हम सभी संबंधित पक्ष से इनपुट लेते हैं। सभी राजनीतिक दल, गृह, स्वास्थ्य मंत्रालय और यहां तक कि राज्यों के मुख्य सचिवों से बात की जाती है। जनवरी-फरवरी में जब संक्रमण कम था, तब भी हमने 20 अगस्त 2020 की गाइडलाइंस में कोई ढिलाई नहीं बरती।मतदान केंद्र में लोगों की मौजूदगी पर बंदिशों से लेकर मतदान केंद्रों की संख्या 80 हजार बढ़ाने तक हमने सभी उपाय किए। कोविड नियमों का पालन करते हुए स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त होकर वोट डाले गए। यही तो आयोग का मकसद था।हालात के कारण . बंगाल में अधिक चरणों में चुनाव कराने का इतिहास रहा है। 2016 और 2019 में भी 7 चरण में चुनाव हुए। 2021 में आयोग ने दौरा किया तो राजनीतिक दलों ने हर बूथ पर केंद्रीय बलों की मांग की। केंद्रीय गृह सचिव से भी इनपुट मिला नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट पर भी गौर किया गया।राज्य के गृह सचिव, सभी जिला अधिकारियों, SP आदि से व्यापक विचार-विमर्श के बाद हमने 8 चरण तय किए, लेकिन, मतदान और मतगणना की कुल अवधि कम रखी। 2016 में यह 77 दिन थी जो इस बार घटाकर 66 दिन की गई। इसीका नतीजा है कि शांतिपूर्ण माहौल में 82% मतदान हुआ।हर चरण के मतदान की अलग से अधिसूचना जारी होती है। अगर आखिरी क्षण में कोई तब्दीली की जाती तो सारी चुनाव प्रक्रिया पटरी से उतर जाती। अगर एक-दो चरणों को मिलाया जाता तो सुरक्षा बलों की तैनाती भी बदलनी पड़ती। लिहाजा, हमने ऐसा नहीं किया। इसके बजाए आयोग ने प्रतिबंध सख्त किए।

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