सुरेन्द्र शर्मा
अंबेडकरनगर
एक ओर जहां यूपी पुलिस के आला अधिकारी और योगी सरकार पुलिस की छवि को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं वहीं कुछ पुलिसकर्मी सरकार के इरादों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं।
ऐसा ही कुछ बुद्धवार को देखने को मिला जब अंबेडकरनगर जनपद के अकबरपुर थाने के कस्बा शहजादपुर के फव्वारे तिराहे पर पुलिस आरक्षी द्वारा ने एक निजी संस्थान के पत्रकार के साथ अभद्रता की। एक इलैक्ट्रानिक चैनल का पत्रकार लॉक डाउन के कवरेज के लिए शहजादपुर कस्बे में जा रहा था ।
मिली जानकारी के अनुसार मीडियाकर्मी को पता चला की निजी स्वार्थ में लिप्त होकर बैरियर पर पुलिस ड्यूटी कर रही है और दुकानदार अंदर दुकान खोल कर सामान बेच रहे हैं ।पुलिस द्वारा यह जानकर की मीडिया कर्मी कस्बे में जाकर न्यूज़ कवर करेगा तो मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी आ जाएगा अपनी कमी छुपाने के लिए अंदर मीडिया कर्मी ना जाने पाए इसलिए बैरियर पर लगे आरक्षी द्वारा बदतमीजी तथा मोबाइल भी आरक्षी द्वारा जबरन ले लिया गया ।
आरक्षी द्वारा की जा रही अभद्रता का विरोध करने पर कथित तौर पर पत्रकार को जेल भेजने की धमकी तक दे डाली गई।पत्रकार द्वारा न्यूज़ कवरेज करते समय
शहजादपुर के फौहारे तिराहे पर पुलिस आरक्षी द्वारा न्यूज़ कवर करते समय पुलिस पत्रकार के साथ अभद्रता पूर्वक बातें और मोबाइल छीन ली गई । पत्रकार द्वारा नाम पूछने पर बिल्ले को हटा दिया गया।
वैसे अगर कहा जाए तो अगर किसी से नाम पूछा जाता है तो अगर वह नहीं बताता तो यह एक धारा के अंतर्गत आता है। जब निजी स्वार्थ में लिप्त होकर प्रशासन ही लॉक डाउन को असफल बनाने में लिप्त है।
महज बाहर से उच्च अधिकारियों के देखने के लिए लॉक डाउन के नियमों का पालन करवाया जा रहा और अंदर के हालात बाजार के कुछ और ही बयां कर रहे है।
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