बुद्ध पूर्णिमा जिसे बौद्ध धर्म के अनुयायी वेसक या हनमतसूरी भी कहते हैं, 26 मई को मनाई जाएगी। बौद्ध धर्मानुयायियों के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण दिन है। इसी दिन गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और इसी दिन उनका महानिर्वाण भी हुआ था।गेशे लामा के अनुसार, जब भगवान बुद्ध ने अपने जीवन में हिंसा, पाप और मृत्यु के बारे में जाना, तब उन्होंने मोह और माया को त्याग दिया। सत्य की खोज में निकल पड़े। वैशाख पूर्णिमा का भगवान बुद्ध के जीवन की प्रमुख घटनाओं से विशेष संबंध है। इसी वजह से हर साल वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। 20वीं सदी से पहले तक बुद्ध पूर्णिमा को आधिकारिक बौद्ध अवकाश का दर्जा प्राप्त नहीं था। सन 1950 में श्रीलंका में विश्व बौद्ध सभा के आयोजन में बुद्ध पूर्णिमा को आधिकारिक अवकाश बनाने का फैसला हुआ।

आज दिखेगा सुपर मून

वैशाख पूर्णिमा की रात अनूठी वैज्ञानिक घटना भी होगी। इस रात भारत सहित दुनिया के कई प्रमुख देशों में सुपर मून दिखाई देखा। इस खगोलीय घटना में चांद पृथ्वी की कक्षा के बेहद निकट आ जाता है। सामान्य रातों की तुलना में चांद अपेक्षाकृत कहीं बड़ा और अधिक चमकदार दिखाई देता है। वैज्ञानिकों के लिए यह एक विशेष घटना है जब वे विशेष उपकणों के माध्यम से चांद पर घटित होने वाली प्रक्रियाओं का आकलन अन्य रातों की तुलना में कहीं अधिक आसानी से कर पाते हैं।


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