नोएडा। कोविड-19 महामारी के दौरान कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस द्वारा बरामद किए गए 105 रेमडेसिविर इंजेक्शन जांच में नकली व एक्सपायरी डेट के पाए गए हैं। औषधि विभाग की तरफ से जांच के बाद कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस को इस मामले में रिपोर्ट दी गई है। कालाबाजारी की धाराओं में पूर्व में दर्ज मामले में पुलिस ने अब अतिरिक्त धाराएं भी जोड़ दी हैं। पुलिस अब आरोपी से जेल मेें जाकर पूछताछ कर सकती है। पुलिस का मानना है कि इस खेल में कुछ अन्य लोगों का भी हाथ संभव है। 21 अप्रैल को कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के आरोप में सेक्टर-29 डीपीएस स्कूल के पास से आरोपी रचित घई को गिरफ्तार किया था।सेक्टर-168 सोसाइटी निवासी रचित के पास से पुलिस ने 105 रेमडेसिविर इंजेक्शन और करीब डेढ़ लाख रुपये बरामद किए थे। डेढ़ से तीन हजार कीमत वाले इन इंजेक्शन को आरोपी 15 से 40 हजार रुपये में बेच रहा था। सभी इंजेक्शन को औषधि विभाग को जांच के लिए भेजा गया था। इनमें 96 इंजेक्शन भारत और 9 इंजेक्शन बांग्लादेश निर्मित थे। जब औषधि विभाग की तरफ से जांच की गई तो 96 भारत में निर्मित इंजेक्शन नकली पाए गए। जबकि नौ बांग्लादेश में निर्मित इंजेक्शन एक्सपायर हो चुके थे। आरोपी कालाबाजारी में भी मौत का सौदा कर रहा था।
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