अयोध्या...
प्राइवेट स्कूल के प्रबंधक शिक्षकों का कर रहे शोषण....
कोरोना महामारी के चलते शासन के आदेश पर सभी प्राइवेट व सरकारी शिक्षण संस्थान अभी बंद है | जबकि सभी प्राइवेट स्कूलों में जनवरी माह से ही नये शिक्षा सत्र 2021-22 के लिए नर्सरी से माध्यमिक तक के लगभग सभी कक्षाओं में छात्रों का प्रवेश लेकर सीटों को फुल कर लिया गया है | पिछले साल शिक्षा सत्र 2020-21 में सभी कक्षाओं के छात्रों को कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में केन्द्र सरकार के द्वारा संपूर्ण लाकडाउन के चलते प्राइवेट व सरकारी स्कूल सभी बंद रहने के कारण शिक्षा का कार्य नहीं हुआ बल्कि आनलाइन शिक्षा छात्रों को दी जाती रही | प्राइवेट स्कूल के सभी शिक्षक अपने स्कूल के बच्चों को पढाने के लिए विडियो के माध्यम से या बोर्ड पर लिखकर गुगल मीट व वैचुरल मीट के माध्यम से पढाने का कार्य पूरे महीने करने के साथ छात्रों से आनलाइन उनकी समस्या को सुनना उसका समाधान करना उन्हें समझाना और साथ ही छात्रों के अभिवावक के आये दिन उनके फोन काल को सुनना उनके बच्चों के बारे में संवाद आदि करना में ही पूरा दिन लग जाता है इसके बाद प्राइवेट स्कूल के प्रबंधक सभी शिक्षकों से गुगल मीट , वैचुरल मीट व आनलाइन घंटो मीटिंग करते हैं इसके वाबजूद आये दिन प्राइवेट स्कूल के प्रबंधक के द्वारा अपने सभी शिक्षकों पर स्कूल के सभी बच्चों की फीस को जमा करने का दबाव बनाते हैं कि यदि आप अपने क्लास के बच्चों की फीस नहीं जमा करवाये तो आप की सैलरी नही दी जायेगी | कोरोना के इस काल में अभिवावकों पर जोर जबरदस्ती शिक्षकों के माध्यम से प्राइवेट स्कूल के प्रबंधक व प्रबंधन कर्ता लगातार दबाव देकर फीस जमा कराने की बात करते हैं | यहाँ तक कि स्कूल प्रबंधन पहले ही सभी कक्षाओं में जनवरी माह से मार्च माह तक नये व पुराने छात्र व छात्राओं का प्रवेश ले चुका है | प्राइवेट स्कूल छात्र - छात्राओं के प्रवेश के नाम पर स्कूल के प्रबंधक पहले ही लाखों करोड़ों का रुपये बना लेते हैं | प्राइवेट स्कूलों में कोरोना महामारी के बीच शिक्षकों के द्वारा अपना शिक्षण कार्य पूरा करने के वाबजूद उन्हें तय की गई वेतन स्कूलों के प्रबंधक नहीं दे रहे | ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधक अपने शिक्षकों का वेतन आधा काटकर उनके दे रहे जबकि सभी क्लासों के बच्चों की फीस पूरी ली जाती है और शिक्षकों को मनमाने ढंग से दी जा रही है | इस प्रकार प्राइवेट स्कूलों में आये दिन कोरोना महामारी के बीच प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधक शिक्षकों का शोषण कर रहे हैं | कोरोना के इस महामारी ने वैसे ही आम आदमी के जीवन को बेहाल कर दिया है महगाई अपने चरम पर है उस पर प्राइवेट स्कूलों में पढाने वाले शिक्षकों के वेतन में आधी कटौती कर देने से शिक्षक मायूस और परेशान है | शासन व प्रशासन के द्वारा रजिस्टर्ड प्राइवेट स्कूलों की जांचकर इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की आवश्यकता है जो शिक्षकों का शोषण कर रहे हैं | जबकि शिक्षक को गूरू माना जाता है जिनका स्थान ईश्वर से भी बड़ा माना गया है |------**संतोष कुमार श्रीवास्तव, अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर*
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