स्वास्थ्य, शिक्षा एवं साहित्यिक मूल्यों को सदैव समर्पित हैं आत्मनिर्भर एक प्रयास संस्था,

आगरा || कोरोना महामारी आपदा के चलते माहौल की भयावहता और अनिश्चितता का असर यह है कि फोन की घँटी बजते ही बस एक ही बात मन में आती है - "हे ईश्वर,सब कुशल मंगल हो !" वहीं संकमण के भय से जँहा अपने ही अपनो से मुँह मोड़ लेते है, ऐसे संकट के समय में जरूरतमंदों का सहारा बनकर उनकी हर सम्भव मदद करता हैं आगरा स्मार्ट सिटी भारत सरकार के सलाहकार सदस्य व आत्मनिर्भर एक प्रयास के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना।

हर संकट की कठिन घड़ी में ज़रूरत मंदों की हर सम्भव मदद करने वाले स्मार्ट सिटी आगरा, भारत सरकार के सलाहकार सदस्य व आत्मनिर्भर एक प्रयास के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना ने बताया कि आत्मनिर्भर एक प्रयास संस्था स्वास्थ्य, शिक्षा एवं साहित्यिक मूल्यों को सदैव समर्पित हैं तथा हर संकट में ज़रूरतमंदों की हर सम्भव मदद को सदैव तत्पर रहती हैं। हमारी संस्था ने शुक्रवार के दिन बेज़ुबानों को कालिका गौशाला, सेक्टर-2, आवास विकास कॉलोनी, आगरा में 1200 किलोग्राम सभी गौमाता को तरबूज ख़िलाकर सेवा की साथ ही श्रम दान भी दिया और अन्य लोगों से भी गौमाता की सेवा का आह्वान किया।जैसा कि आप जानते हैं कि लॉकडाउन के कारण बहुत ही कम लोग ही गौशाला में पहुंच रहे हैं। इसलिए गौमाता के सामने खाने की सामग्रियों का संकट है। जब हमारी संस्था को जब यह सूचना प्राप्त हुई तो शुक्रवार की सुबह एक ट्रॉली तरबूज गौशाला लेकर पहुंच गए साथ ही गौमाता को अपने हाथ से खिलाए एवं प्यासी गउओं को जल ग्रहण कराया गया। साथ ही और भी आवश्यकताओं की। बुजुर्गों के आशीर्वाद से यह हमारा सौभाग्य है कि इस गोशाला में भी गौसेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ। बेजुबान पशु आपसे अपनी भूख-प्यास के बारे में बता नहीं सकता है। हमें स्वयं आगे आकर उनकी सेवा करनी है। हमारी भारतीय संस्कृति में यह माना जाता है कि हम जो कुछ देते हैं, वह कई गुना वापस मिलता है। गौसेवा तो सबसे बड़ा पुण्य है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जब से गौहत्या रोकी है, तब से गौशालाओं में गायों की संख्या बढ़ गई है। इस लिए समाज के हर व्यक्ति को आगे आकर गायों की सेवा करनी चाहिए। गौसेवा करने वालों के सभी दुःख,दर्द और कष्ट गौमाता हर लेती है।

श्री खुराना ने इस विचार के साथ अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताया कि लॉक डाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरों सहित आमजनमानस परेसान है। उनके सामने रोजीरोटी का संकट है। जहाँ एक ओर बाजार बंदी के कारण मरीजो सहित उनके साथ आये तीमारदारों को बाहर कुछ भी खाने को नही मिलता एवं मन्दिर बंद होने के कारण वहाँ लोगो का आना जाना बंद है, ऐसे में वहाँ गौमाता,श्वान व बन्दरो को खाने का संकट है। इन सब जरुतमंदो के साथ गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी कोरोना संकट काल मे नरसेवा सेवा नारायण को ध्येय वाक्य मानकर हर जरूरतमंद तक हर सम्भव मदद पहुचाने का हमारा प्रयास अनवरत जारी है। रोज की भांति पौधों को सहेजना उनको खाद पानी देना, नई पौध लगाने का कार्य बुजुर्गों के आशीर्वाद से लगातार आज भी जारी हैं। साथ ही गौमाता, श्वान व बंदरों को फल, भोजन पानी एवम जरूरतमंदों को सूखा राशन व मास्क वितरण का कार्य भी किया जा रहा हैं। बंदरों को रोज की भांति केले व फल उपलव्ध करने के साथ ही फोन पर मिली जानकारी पर खाना वितरण किया गया व बेजुबान पशुओं के पानी पीने के लिये अनवरत बस्तियों में नाँद रखवायीं जा रही हैं। आत्मनिर्भर एक प्रयास संस्था के द्वारा अलग-अलग बस्तियों में भोजन, मास्क व सेनेटाइजेसन का वितरण सेवा कार्य किया जा रहा हैं। 

कहते हैं कि...राम का नाम लेकर जो मर जाएंगे, अमर नाम दुनिया में कर जाएंगे। यह न पूछो की मर कर किधर जाएंगे, अमर नाम दुनिया में कर जाएंगे। सारे मिल के बोलो राम सियाराम जय जय राम।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने