उतरौला (बलरामपुर)हरी खाद के लिए अधिक से अधिक ढैचा की बुआई करें, तथा आगामी फसलों के लिए भूमि को स्वस्थ बनाएं।
       उक्त जानकारी सरकारी बीज गोदाम प्रभारी डॉ जुगुल किशोर ने देते हुए बताया कि गेहूं की कटाई के बाद धान की रोपाई के पूर्व खेत प्रायः खाली रहते हैं ऐसी दशा में खेत की नमी बरकरार रखते हुए किसान बन्धु अपने खेत में हरी खाद हेतु ढैचा फसल की बुवाई करें तथा 45दिन बाद इसे मिट्टी में पलटकर धान की रोपाई करें। ऐसा करने से फसल की उपज बढ़ जाती है उन्होंने कहा कि देशी(कम्पोस्ट)खाद की कमी से जूझ रहे किसानों के लिए हरी खाद रामबाण साबित हो रहा है क्योंकि 
 अंग्रेजी खादों के लगातार प्रयोगों से खेत की उर्वरा शक्ति दिनों दिन कम होती जा रही है ऐसे में किसानों को विकल्प के रूप में जैविक खाद एवं हरी खाद का इस्तेमाल करनी चाहिए । इनके उपयोग से फसलों की पैदावार में काफी वृद्धि देखने को मिली है।
असगर अली
उतरौला

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