जनपद शामली में गोवंश के भरण-पोषण हेतु जनपद में
भूसे का व्यापक प्रबन्धन
लखनऊ: दिनांक 20 मई, 2021
जनपद शामली में निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश को संरक्षित किए जाने के उद्देश्य से 19 गो-आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन का कार्य किया जा रहा है जिनमें 16 ग्रामीण क्षेत्र में तथा 03 शहरी क्षेत्र में है। उक्त 19 गो-आश्रय स्थलों में अद्यतन 1791 गोवंश को सरक्षित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त मा0 मुख्यमंत्री जी की सहभागिता योजना अन्तर्गत 1274 गोवंश को पशुपालकों को सुपुर्दगी में दिया गया है। संरक्षित गोवंश को समुचित सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनके भरण-पोषण हेतु स्थानीय स्तर पर भूसा की व्यवस्था ससमय करना एक प्राथमिकता है ताकि गोवंश को समय पर भोजन उपलब्ध हो सके तथा उनके स्वास्थ्य पर प्रतीकूल प्रभाव न पड़ें। शासन द्वारा समय समय पर दिए गये महत्वपूर्ण निर्देशों के क्रम में जनपद में गेहूॅ की कटाई के समय यूद्ध स्तर पर 21 भूसा बैंक की स्थापना की गयी है। भूसा बैंक की स्थापना के समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि आगामी वर्षा ऋतु के समय पानी से भूसा किसी भी दशा में खराब न हो। इसके साथ ही साथ प्रत्येक गोआश्रय स्थल पर प्रतिदिन की भूसे की आवश्यकता के अनुसार निर्गत करने एवं उसके अभीलेखीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
पशुधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद में स्थापित 21 भूसा बैंक में कुल 2413 कुन्तल भूसे का भण्डारण है। जनपद में गोवंश के भरण-पोषण हेतु पर्याप्त मात्रा में भूसे की उपलब्धता है तथा स्थानीय स्तर पर हरे चारे की उपलब्धता हेतु भी कार्य किए गये है। जनपद में गोवंश के संरक्षण हेतु किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं है। यह भी अवगत कराना है कि पशुपालन विभाग के समस्त पशुचिकित्साविद् निरन्तर गोवंश की चिकित्सा व्यवस्था हेतु तत्पर है। सभी गौ आश्रय स्थलों पर भूसा/पानी/छाया गर्मी से बचाव के सभी उपाय किए गये है। गोवंश आश्रय स्थलों के संचालन में सभी विभागों का सक्रिय सहयोग प्राप्त हो रहा है। जिला प्रशासन के सहयोग से जनपद शामली़ के सभी गौ आश्रय स्थलों का संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है।
भूसे का व्यापक प्रबन्धन
लखनऊ: दिनांक 20 मई, 2021
जनपद शामली में निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश को संरक्षित किए जाने के उद्देश्य से 19 गो-आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन का कार्य किया जा रहा है जिनमें 16 ग्रामीण क्षेत्र में तथा 03 शहरी क्षेत्र में है। उक्त 19 गो-आश्रय स्थलों में अद्यतन 1791 गोवंश को सरक्षित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त मा0 मुख्यमंत्री जी की सहभागिता योजना अन्तर्गत 1274 गोवंश को पशुपालकों को सुपुर्दगी में दिया गया है। संरक्षित गोवंश को समुचित सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनके भरण-पोषण हेतु स्थानीय स्तर पर भूसा की व्यवस्था ससमय करना एक प्राथमिकता है ताकि गोवंश को समय पर भोजन उपलब्ध हो सके तथा उनके स्वास्थ्य पर प्रतीकूल प्रभाव न पड़ें। शासन द्वारा समय समय पर दिए गये महत्वपूर्ण निर्देशों के क्रम में जनपद में गेहूॅ की कटाई के समय यूद्ध स्तर पर 21 भूसा बैंक की स्थापना की गयी है। भूसा बैंक की स्थापना के समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि आगामी वर्षा ऋतु के समय पानी से भूसा किसी भी दशा में खराब न हो। इसके साथ ही साथ प्रत्येक गोआश्रय स्थल पर प्रतिदिन की भूसे की आवश्यकता के अनुसार निर्गत करने एवं उसके अभीलेखीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
पशुधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद में स्थापित 21 भूसा बैंक में कुल 2413 कुन्तल भूसे का भण्डारण है। जनपद में गोवंश के भरण-पोषण हेतु पर्याप्त मात्रा में भूसे की उपलब्धता है तथा स्थानीय स्तर पर हरे चारे की उपलब्धता हेतु भी कार्य किए गये है। जनपद में गोवंश के संरक्षण हेतु किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं है। यह भी अवगत कराना है कि पशुपालन विभाग के समस्त पशुचिकित्साविद् निरन्तर गोवंश की चिकित्सा व्यवस्था हेतु तत्पर है। सभी गौ आश्रय स्थलों पर भूसा/पानी/छाया गर्मी से बचाव के सभी उपाय किए गये है। गोवंश आश्रय स्थलों के संचालन में सभी विभागों का सक्रिय सहयोग प्राप्त हो रहा है। जिला प्रशासन के सहयोग से जनपद शामली़ के सभी गौ आश्रय स्थलों का संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है।
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