उतरौला (बलरामपुर)समूचे देश में कोविड-19 महामारी तेज़ी के साथ अपना पाँव पसार रही है।इन्ही दौरान शादी-विवाह के मौसम ने भी तेज रफ़्तार पकड़ी हुई है।जिस का फायदा उठाकर दुकानदार शटर डाउन की आड़ में मँहगे दामों पर सामानों की कालाबाज़ारी कर रहे है।बाजारों के प्रमुख चौराहों पर लगे फल,सब्जी के ठेले वाले भी आपदा में अवसर तलाश रहे हैं वे मनमाने ढंग से ग्राहक से क‌ई गुना दाम वसूल रहे हैैं।यही नही बाजारों में संचालित हो रहे मेडिकल स्टोर भी बहती गंगा में डुबकी लगाने में व्यस्त हैं।निर्धारित मूल्य की दवाओं को महँगे दामों पर बेच रहे हैं। इस ओर शासन- प्रशासन का भी ध्यान नही जा रहा है।जिले के जिम्मेदार अधिकारी भी इस से बेखबर हैं।वही अगर स्थानीय पुलिस प्रशासन की बात की जाए तो बाजारों के मुख्य चौराहों पर लोगो को कोरोना कर्फ्यू का पालन करवाने के लिए ड्यूटी पर लगाए गए पुलिसकर्मी सिर्फ अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे हैं।और कोरोना चालान व मास्क चालान के नाम पर लोगों का चालान कर वाहवाही बटोर रहे है।जबकि बाजारों की वास्तविक स्थिति कुछ और ही कह रही है। शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार फल,सब्जी व मेडिकल की दुकानें खोलने का समय सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक निर्धारित किया गया है।जिसकी आड़ में अन्य दुकानदार भी जोरशोर से शटर डाउन कर महँगे दामों पर सामानों की बिक्री कर रहे है।लॉकडाउन का ख़ौफ़ सिर्फ छोटे दुकानदारों पर जमाया जा रहा है।जिस ओर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।इस को लेकर जब बाज़ार में दुकान संचालित कर रहे कुछ छोटे तबके के दुकानदारों से बात की गई तो उन लोगों ने अखबार में नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिस तरह से कोरोना काल मे लॉकडाउन देखने को मिल रहा है इस तरह से सिर्फ छोटे दुकानदारों को ही नुकसान हो रहा है।और बड़े व्यापारी लॉकडाउन का ख़ौफ़ दिखाकर महँगे दामो पर सामानों की बिक्री कर रहे हैं।
हम लोगो का जिला प्रशासन से माँग है कि या तो निर्धारित किए गए समय के अनुसार सभी दुकानदारों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए दुकान खोलने की अनुमति दी जाए।या तो फिर शक्ति से लॉकडाउन का पालन कराया जाए और कालाबाज़ारी रोकी जाए।
असगर अली 
उतरौला

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