उतरौला (बलरामपुर) कृषि प्रभारी उतरौला डॉ जुगुल किशोर वर्मा ने किसानों को ग्रीष्मकालीन जुताई के महत्व के बारे में सलाह देते हुए बताया कि कोविड 19के दृष्टि गत लागू लाक डाउन के सभी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए आगामी फ़सल से अच्छी पैदावार लेने के लिए रबी की कटाई के तुरंत बाद गहरी जुताई कर ग्रीष्म ऋतु में खेत को खाली रखना लाभदायक रहता है।
ग्रीष्मकालीन जुताई जून माह तक की जाती है जहां तक संभव हो सके किसान भाइयों को गर्मी की जुताई रबी की फसल कटने के तुरंत बाद मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई कर देनी चाहिए।इस जुताई से मिट्टी की सतह पर पड़ी फसल अवशेष की पत्तियां पौधों की जड़ें एवं खेत में उगे खरपतवार आदि नीचे दब जाते हैं।जो सड़ने के बाद खेत की मिट्टी में जीवाश्म/कार्बनिक खादों की मात्रा में बढ़ोतरी करते हैं इससे भूमि की उर्वरता स्तर एवं मृदा की भौतिक दशा या भूमि की संरचना में सुधार होता है इससे भूमि में वायु संचार एवं जल धारण क्षमता बढ़ जाती है
गहरी जुताई से गर्मी में तेज धूप से खेत के नीचे की सतह पर पनप रहे कीड़े मकोड़े बीमारियों के जीवाणु खरपतवार की बीज आदि मिट्टी के ऊपर आने से खत्म हो जाते हैं।
असगर अली
उतरौला
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