NCR News:पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला है कि 4 मई की रात सुशील कई साथियों के साथ मॉडल टाउन के फ्लैट के नीचे पहुंचा। बताया जाता है कि उसके साथ कुछ अपराधी भी थे। सुशील के साथियों के बुलाने पर सागर और उसके दोस्त बाहर आए तो उन्हें करीब आधा दर्जन कारों में बिठा लिया गया। इसके बाद सभी को छत्रसाल स्टेडियम लाया गया। यहां दोनों गुटों में जमकर विवाद हुआ। बताया जाता है कि यहां काला जठेड़ी गिरोह के कुछ बदमाश भी थे। इन लोगों ने हवा में कई गोलियां चलाईं। सुशील व साथियों ने सागर व अन्य को लाठी, डंडों और हॉकी से पीटना शुरू कर दिया। इसी दौरान सागर के एक साथी ने मौका देखकर पीसीआर को कॉल कर दी। पुलिस पहुंची तो सुशील समेत बाकी पहलवान भाग गए।अगले दिन सागर की मौत का पता चलते ही सुशील मॉडल टाउन स्थ्ति अपने घर से सुबह 9:30 बजे निकल गया। सबसे पहले वह शालीमार बाग इलाके में एक जानकार के पास गया। वहां से वह यूपी के मुजफ्फरनगर निकल गया। इसके बाद वह उत्तराखंड भी गया। फिर वह कभी यूपी, कभी हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में ठिकाने बदलता रहा।छानबीन में पुलिस को पता चला कि बाहरी दिल्ली में रहने वाले एक शख्स ने सुशील और उसके साथियों को दस सिम उपलब्ध कराए। इनकी मदद से वे लगातार इंटरनेट कॉलिंग कर अपने नजदीकियों के संपर्क में रहे। पुलिस सूत्रों का दावा है कि शनिवार को सुशील के पास रुपये खत्म हो गए थे। रविवार को वह रुपये लेने दिल्ली आया और पुलिस के जाल में फंस गया।रविवार सुबह दिल्ली पुलिस ने बेहद नाटकीय ढंग से सुशील की गिरफ्तारी की जानकारी दी।
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