गंगा में बहते मिले सैकड़ों शव और नदी किनारे ही रेत में हजारों शव दफनाने के मामले सामने आने के बाद सरकार चौकन्ना हो गई है। ऐसे में शव दफनाने और नदी में बहाने से गंगा जल भी प्रदूषित होने की बात कही जा रही है। अब सीएसआईआर-आईआईटीआर (काउंसिल फार साइंटिफिक इंडस्ट्रियल रिसर्च इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च) लखनऊ की संयुक्त टीम ने कानपुर, प्रयागराज व काशी में गंगाजल के नमूने जांच के लिए जुटाए हैं। इसकी रिपोर्ट 15 दिनों में आने की संभावना है। इस रिपोर्ट से पता चलेगा कि गंगाजल में कितना प्रदूषण है।

गंगा किनारे घाटों पर शव दफनाए जाने और शवों को जल में बहाने का सिलसिला बीते डेढ़ माह में काफी बढ़ गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार अप्रैल के प्रारंभ में ही रोजाना सौकड़ों की संख्या में शवों का दफनाया गया। कानपुर-उन्नाव से लेकर वाराणसी से बक्सर तक सैकड़ों शव बहते मिले। ऐसे में गंगा जल के दूषित होने की काफी संभावना जताई जा रही थी। इसी को देखते हुए जल की जांच शुरू की गई है

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