आगरा || आगरा में लॉक डाउन चल रहा हैं, कामकाज बन्द हैं। ऐसे कठिन समय में कुछ ग़रीब बृद्ध विधबा महिलाएं खानपान की सामग्री का सामान जुटाने में असमर्थ हैं। 3 किलो गेहूं और 1 किलो चावल मिल चुका हैं। यूपी सरकार द्वारा मिले समान को खाने का रूप देने के लिए कोविड- 19 के संकट की घड़ी मे आगरा के हजारों व लाखों वरिष्ठ समाजसेवी व समाजसेविकाओं से विनती, अपील व विनम्र अनुरोध है कि इन बृद्ध बुज़ुर्ग महिलाओं की इस संकट की घड़ी में राहत सामग्री उपलव्ध कराकर आत्मसम्मानी ज़रूरतमंदों की अगर मदद सम्भव हो सके तो करें। तथाकथित समाजसेवी व समाजसेविकाये इसकी रसोई व उसकी उसकी रसोई के नाम पर आत्मसम्मानी माध्यमवर्गीय परिवारों को ठेस का पहुचाये। हवावाजी व दिखावा छोड़कर ज़मीनी हक़ीक़त को देखते हुये कार्य करें। एक केले के साथ 20 तथाकथित समाजसेवी व सेविकाएँ अपना फोटों खिंचवा कर अपना एनजीओ न चलाये, अगर संकट की कठिन घड़ी में हक़ीक़त में मदद ही करनी हैं तो राष्ट्रहित में आगे आकर जरूरतमंदों के मान सम्मान को ठेस न पँहुचाते हुए ग़रीब व जरूरतमंद समाज के लोगों की मदद करें। सभी से अपील, निवेदन और अनुरोध हैं कि अगर आगरा में कोई समाजसेवी संस्था हैं तो हवाबाज़ी छोड़कर बृद्ध विधबा महिलाओं की मदद करें।
आगरा में कोई समाजसेवी संस्था हैं तो हवाबाज़ी छोड़कर बृद्ध विधबा महिलाओं की मदद करें : क़लमकार - संजय साग़र. राजकुमार गुप्ता
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