मिर्जापुर। बृहस्पतिवार की रात जिले के कुछ क्षेत्रों में हुई बूंदाबादी से किसानों की मुश्किलें बढ़ गईं। बादलों की लुकाछिपी देख आंधी-पानी की आशंका से किसान सहमे रहे। मौसम के रुख को देखकर किसान मड़ई, मड़हे व खपड़ैलों की छवाई में जुटे रहे। दोपहर बाद तेज धूप निकलने से किसानों ने राहत की सांस ली।
गेहूं की कटाई, मड़ाई के बाद अभी तक ज्यादातर किसानों के गेहूं के भूंसे खेत व खलिहानों में पड़े हैं। सुरक्षित रखने के लिए किसान मड़ई, मड़हे और खपड़ैलों की छवाई में लगे हैं। ऐसे में यदि आंधी-पानी से किसानों को भारी क्षति का सामना करना पड़ सकता है। आंधी से आम की फसल के साथ ही सब्जियों की खेती के लिए खतरा बना हुआ है। डीएसटी महामना जलवायु परिवर्तन केंद्र के समन्वयक एवं ग्रामीण कृषि मौसम सेवा बीएचयू वाराणसी के नोडल अधिकारी प्रो. आरके मल्ल व तकनीकी अधिकारी (युवा मौसम वैज्ञानिक) शिव मंगल सिंह ने बताया आने वाले दिनों में हवा की गति सामान्य से अधिक बनी रहेगी। मौसम वैज्ञानिकों ने इधर कुछ दिनों तक आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रहने के साथ ही कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना जताई है।
गेहूं की कटाई, मड़ाई के बाद अभी तक ज्यादातर किसानों के गेहूं के भूंसे खेत व खलिहानों में पड़े हैं। सुरक्षित रखने के लिए किसान मड़ई, मड़हे और खपड़ैलों की छवाई में लगे हैं। ऐसे में यदि आंधी-पानी से किसानों को भारी क्षति का सामना करना पड़ सकता है। आंधी से आम की फसल के साथ ही सब्जियों की खेती के लिए खतरा बना हुआ है। डीएसटी महामना जलवायु परिवर्तन केंद्र के समन्वयक एवं ग्रामीण कृषि मौसम सेवा बीएचयू वाराणसी के नोडल अधिकारी प्रो. आरके मल्ल व तकनीकी अधिकारी (युवा मौसम वैज्ञानिक) शिव मंगल सिंह ने बताया आने वाले दिनों में हवा की गति सामान्य से अधिक बनी रहेगी। मौसम वैज्ञानिकों ने इधर कुछ दिनों तक आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रहने के साथ ही कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना जताई है।
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