*78 साल की बेबस बुजुर्ग मां, घर में पड़े दो बेटों के शव और करीबियों की दूरी, पढ़ें दिलवालों की दिल्ली से झकझोर देने वाली खबर -*



दिलवालों की दिल्ली में बेबस मां के सामने उसके दो बेटों के शव पड़े रहे
कोई पड़ोसी मदद नहीं करने आया। जिंदगी भर साथ रहने वाले करीबियों ने दूरी बना ली
वह अपने कोविड पॉजिटिव बेटों की देखभाल भी नहीं कर सकीं
दोनों भाइयों का निगमबोध घाट पर दाह संस्कार किया गया

कोरोना का कहर, दिल्लीवालों की निष्ठूरता और सगे-संबंधियों की दूरी ने 78 साल की एक बेबस बुजुर्ग मां को वो दिन दिखाए, जिसकी उसने कभी कल्पना नहीं की होगी। कोरोना महामारी ने हजारों माताओं से उनके लाल छिन लिए। लेकिन दिलवालों की दिल्ली में बेबस मां के सामने उसके दो बेटों के शव पड़े रहे। कोई पड़ोसी मदद नहीं करने आया। जिंदगी भर साथ रहने वाले करीबियों ने दूरी बना ली। मामला राजधानी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश का है। बुजुर्ग मां इतनी लाचार थी कि वह अपने कोविड पॉजिटिव बेटों की देखभाल भी नहीं कर सकीं। थकहार कर महिला ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई।

*पूरा परिवार कोविड संक्रमित था*

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि 78 साल की बुजुर्ग महिला भी कोरोना से संक्रमित हैं। दोनों बेटों की मौत के बाद उनके रिश्तेदार और पड़ोसियों ने मुंह फेर लिया। तब सीआर पार्क पुलिस ने उनका अंतिम संस्कार कराया। दोनों भाइयों का निगमबोध घाट पर दाह संस्कार किया गया। मगर इस हादसे के बाद दिलवालों की दिल्ली सवालों के घेरे में है। साउथ दिल्ली के डीसीपी अतुल ठाकुर ने बताया कि 5 मई को ग्रेटर कैलाश पार्ट-2 में रहने वाली एक कोरोना संक्रमित महिला ने पीसीआर को कॉल कर मदद की गुहार लगाई थी। सूचना मिलते ही सीआर पार्क पुलिस मौके पर पहुंची। वहां कोरोना से संक्रमित बुजुर्ग महिला मिलीं।

*नौकरानी ने दी मौत की जानकारी*

ग्राउंड फ्लोर पर उनका पूरा परिवार रहता था। 45 वर्ष तथा 42 साल के दो बेटे भी कोरोना से संक्रमित थे। इसलिए तीनों अलग-अलग कमरे में रहते थे। मगर कोरोना की वजह से दोनों बेटे की मौत हो चुकी थी। बीते 4 मई की शाम करीब 4 बजे जब नौकरानी घर का काम करने आई थी, तब दोनों जिंदा थे। मगर उसके बाद से दोनों बेटों के कमरे से कोई आवाज नहीं आई। बीती 5 मई की दोपहर करीब 1 बजे दोबारा नौकरानी आई, तो उसके होश उड़ गए। उसने बताया कि दोनों भाइयों की मौत हो गई है। 

*पड़ोसी और रिश्तेदार मदद को नहीं आए*

खबर सुनते ही मां बेसुध हो गई। लेकिन मजबूर और लाचार ममता पड़ोसियों और रिश्तेदारों के मदद की मोहताज थी। मगर कोरोना से मौत के की वजह से कोई करीबी काम न आया। पड़ोसियों ने इतनी दूरी बना ली, मानों पहचान न हो। इसके बाद 78 साल की बुजुर्ग मां ने पुलिस को कॉल किया। पुलिस ने बताया कि दोनों भाई गुरुग्राम में पत्थर का कारोबार करते थे। फिलहाल उनका अंतिम संस्कार हो गया है। बुजुर्ग मां का कोरोना का इलाज चल रहा है ।।

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