ग्रेटर नोएडा ,पारसौल गांव में 4 मौतों से मातम, ग्रामीणों ने कोरोना से जान जाने का किया दावा, प्रशासन से पुष्टि का इंतजार
दनकौर क्षेत्र के अस्तौली, देवटा, चीती, मंडी श्याम नगर, बिलासपुर और दनकौर कस्बे सहित आसपास के गांव में कोरोना महामारी ने विकराल रूप ले लिया है
क्षेत्र के पारसौल गांव में शनिवार को 4 लोगों की मौत हो गई
ग्रामीणों का कहना है कि चारों व्यक्ति कई दिनों से बीमार चल रहे थे
गांव में ही आइसोलेशन में उनका उपचार कराया जा रहा था
गौतमबुद्ध नगर में कोरोना का कहर अब शहरी क्षेत्र से गांवों तक पहुंच गया है। जनपद के कस्बों और गांवों में कोरोना का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। दनकौर क्षेत्र के अस्तौली, देवटा, चीती, मंडी श्याम नगर, बिलासपुर और दनकौर कस्बे सहित आसपास के गांव में कोरोना महामारी ने विकराल रूप ले लिया है। क्षेत्र के पारसौल गांव में शनिवार को 4 लोगों की मौत हो गई। हालांकि जिला प्रशासन ने इनकी मौत कोरोना से होने की पुष्टि नहीं की है। मगर ग्रामीणों का कहना है कि चारों व्यक्ति कई दिनों से बीमार चल रहे थे। गांव में ही आइसोलेशन में उनका उपचार कराया जा रहा था। एक ही दिन में पारसौल गांव में 4 लोगों की मौत से दहशत का माहौल है। ग्रामीणों में इसको लेकर रोष भी है।
दनकौर क्षेत्र के गांवों के काफी लोग बीमार हैं और अपने घरों में ही इलाज करा रहे हैं। गांव के लोगों में कोरोना महामारी का इस कदर भय व्याप्त है कि मृतकों को कंधा देने वाले भी नसीब नहीं हो रहे हैं। 4 लोगों की चिता एक ही दिन में एक ही श्मशान गृह में जली, लेकिन मृतकों को कंधा देने वाले गिने चुने ही लोग थे। शवों के अंतिम संस्कार में गांव के कम लोग शामिल हुए। गांव के लोग अपने मरीजों की कोरोना से मौत की पुष्टि नहीं कर रहे। सामाजिक दूरी के डर और भेदभावपूर्ण व्यवहार के कारण मृतकों के परिजन चुपके से अंतिम संस्कार कर रहे हैं। क्षेत्र के किसी भी गांव में कोरोना का टेस्ट शुरू नहीं हुआ है।
*दनकौर में 250 करोनो टेस्ट हुए*
दनकौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना का परीक्षण हो रहा है। शनिवार को 250 लोगों ने आरटीपीसीआर टेस्ट कराया। सरकारी अस्पताल में कभी एंटीजन टेस्ट होता है, तो कभी आरटी पीसीआर टेस्ट हो रहा है। क्षेत्र के कई गांवों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ज्यादातर मरीज झोलाछाप चिकित्सकों से गांव में अपना इलाज करा रहे हैं। कुछ कस्बे के निजी चिकित्सकों के यहां इलाज कराते हुए देखे जा रहे हैं। कोरोना की रोकथाम करने के लिए मेडिकल स्टोर पर दवाओं का अभाव हो गया है। सांस, लीवर और कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक दवाएं मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध नहीं है। क्षेत्र के कई गांव में घर घर में टाएफाइड और एक गांव में काफी कोरोना के मरीज होने की खबर मिल रही है।
*पंचायत चुनाव के बाद बिगड़े हालात*
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से फैला है और कई लोगों की जान जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दनकौर, दादरी, जारचा, जेवर, बिलासपुर और रबूपुरा कस्बे में लोगों की मौत हो रही हैं। भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के अध्यक्ष मास्टर श्योराज सिंह ने बताया कि गांव तथा कस्बों में रहने वाले काफी लोग शहरों में रोजगार कर रहे हैं। ग्राम पंचायत के चुनाव के दौरान वोट डालने आए। जिनमें काफी लोग संक्रमित थे। इसके बाद ग्रामीण अंचल में कोरोना वायरस फैला।
*स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर की जा रहीं*
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक अहोरी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर की जा रही हैं। इसके तहत दवाइयां एवं ऑक्सीजन उपलब्ध कराने तथा कोविड-19 की जांच के लिए कई केंद्र खोले गए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जांच कराएं तथा संक्रमित पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर दवाइयों का कीट हासिल करें। सीएमओ ने बताया कि घर में रहकर इलाज करा रहे लोगों के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने दवाइयों की किट उनके घरों पर पहुंचानी शुरू कर दी है। साथ ही बताया कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए पांच केंद्र बनाए गए हैं।
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