NCR News:कोरोना संक्रमण के बीच वैक्सीन की कमी बड़ी समस्या बन गई है। सवाल यह है कि अलग-अलग बीमारियों में पूरी दुनिया की जरूरत की 70% वैक्सीन देने वाला भारत आखिर अपने लिए ही पर्याप्त टीके क्यों नहीं बना पा रहा है? नेशनल कोविड टास्क फोर्स के हेड डॉ. वीके पॉल ने हाल ही में कहा था कि भारत बायोटेक कोवैक्सीन का फॉर्मूला दूसरी कंपनियों से साझा करने को तैयार है।इसे लेकर भास्कर ने पड़ताल की तो पता चला, देश में 16 ऐसी कंपनियां हैं जो वैक्सीन तुरंत बनाना शुरू कर सकती हैं। अगर केंद्र सरकार इन्हें जरूरी परमिशन दे तो ये कंपनियां हर महीने 25 करोड़ और साल में 300 करोड़ डोज बना सकती हैं।वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के अधिकारी और एक्सपर्ट कहते हैं कि सिर्फ तीन सरकारी कंपनियां ही हर महीने 8 करोड़ डोज बना सकती हैं। अभी भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट मिलकर 7.5 करोड़ डोज हर महीने बना रही हैं।केंद्र के एक एम्पावर्ड ग्रुप के प्रमुख रहे सीनियर IAS अफसर का कहना है कि सरकार ने देर कर दी है। वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के साथ लगातार बात करनी थी और शुरुआत में ही आर्थिक मदद देनी थी। वहीं, वैक्सीन निर्माता कंपनियों का कहना है कि केंद्र सरकार चाहे तो एक दिन में भी मंजूरी दे सकती है।
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