रतौली वियर बांध के अवशेष कार्य की (पुनरीक्षित) परियोजना हेतु 12 करोड़
रूपये की धनराशि स्वीकृति
लखनऊ, दिनांकः 28 मई, 2021
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में रतौली वियर बांध परियोजना (पुनरीक्षित) हेतु अनुमोदित लागत 5428.28 लाख रूपये के सापेक्ष प्राविधानित धनराशि 1200.00 लाख रूपये परियोजना के कार्यों पर औपचारिक रूप से वहन किये जाने हेतु प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
इस सम्बन्ध मंे विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद द्वारा 24 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के साथ कार्य प्रारम्भ कराया जाय।
शासनादेश में यह भी कहा गया है कि मात्राओं को निर्माण के समय सुनिश्चित किये जाने का पूर्ण उत्तरदायित्व कार्यदायी संस्था/विभाग का होगा। इसके साथ ही निर्माण कार्य समय से पूरा कराना होगा। धनराशि को व्यय करते समय वित्तीय नियमों का अनुपालन जरूरी होगा।
शासनादेश में यह भी निर्देश दिया गया है कि धनराशि का उपयोग स्वीकृति परियोजनाओं पर ही किया जायेगा। ऐसा न किये जाने पर यदि किसी प्रकार की अनियमिता होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग की होगी। विभाग द्वारा समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंश सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाय।
रूपये की धनराशि स्वीकृति
लखनऊ, दिनांकः 28 मई, 2021
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में रतौली वियर बांध परियोजना (पुनरीक्षित) हेतु अनुमोदित लागत 5428.28 लाख रूपये के सापेक्ष प्राविधानित धनराशि 1200.00 लाख रूपये परियोजना के कार्यों पर औपचारिक रूप से वहन किये जाने हेतु प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
इस सम्बन्ध मंे विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद द्वारा 24 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के साथ कार्य प्रारम्भ कराया जाय।
शासनादेश में यह भी कहा गया है कि मात्राओं को निर्माण के समय सुनिश्चित किये जाने का पूर्ण उत्तरदायित्व कार्यदायी संस्था/विभाग का होगा। इसके साथ ही निर्माण कार्य समय से पूरा कराना होगा। धनराशि को व्यय करते समय वित्तीय नियमों का अनुपालन जरूरी होगा।
शासनादेश में यह भी निर्देश दिया गया है कि धनराशि का उपयोग स्वीकृति परियोजनाओं पर ही किया जायेगा। ऐसा न किये जाने पर यदि किसी प्रकार की अनियमिता होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग की होगी। विभाग द्वारा समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंश सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाय।
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