अयोध्या... 

राजनीति में वंशवाद सभी पार्टियों में..... 

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 2021 में सभी राजनीतिक पार्टी के नेता गण अपनी ही पार्टी में अपने पुत्र, पुत्री, बहू, भाई- भतीजा अन्य को राजनीतिक में लाते रहते हैं | राजनीति में राजनेताओं के यही वंशज पार्टी की कमान अपने हाथों में लेते हैं | जैसे कांग्रेस पार्टी में जवाहरलाल नेहरू से लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी तक पार्टी के मुख्य कमान इन्ही परिवार के हाथों में अभी भी है | इसी तरह समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव के बाद उनके बेटे अखिलेश यादव और उनके परिवार के लगभग सदस्य पार्टी के सभी राजनीतिक पद पर है | इसी क्रम में भाजपा, तृणमूल, बहुजन वर्गों अन्य सभी पार्टियों में वंशवाद तेजी से फैल रहा है `| राजनीति में    राजनेताओं के परिवारवाद का मुख्य कारण देश में रोजगार का एक प्रमुख स्त्रोत बन गया है क्योंकि कि विरासत में राजनेता बन आय का साधन भी बन जाता है | राजनीति जहाँ पहले समाज सेवा के लिए लोग आते थे वही अब राजनीति में लोग अपने रूतबा बढ़ाने और आय बढाने के लिए आते है उनका समाज की सेवा करना नहीं बल्कि अपना समाज में रोब, रुतबा और पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति के माध्यम से अपने आय को बढ़ाने का मुख्य स्त्रोत है | राजनेता यदि एक बार विधायक व सासंद चुना जाता है तो उस विधायक व सासंद को वेतन भत्ता मिलता है इसके अलावा क्षेत्र कार्य निधि, हवाई यात्रा, रेलवे यात्रा, आवास की व्यवस्था, सस्ता नाश्ता भोजन, मोबाइल फोन सेवा आदि अन्य तमाम सुविधाएं  उनको फ्री मिलती है | राजनेता यदि दुबारा चुनाव जीतता है तो उसे मिलने वाली वेतन भत्ता के साथ सभी अन्य सुविधाएें और  डबल पेंशन आजीवन मिलता रहेगा जिसकी वजह से आज अधिकांशतः लोग शिक्षा के सहारे रोजगार की ओर न जाकर राजनीति में जाने की तैयारी करते पर राजनीति में सफलता राजनेताओं के वंशवाद के आगे आम जनता को जगह नहीं मिलती | 

राजनीति में राजनेताओं के द्वारा अपना राजनीतिक कैरियर में अपार धन सम्पदा बना लेता है| राजनेताओं के परिवार के सदस्यों को पार्टी का टिकट आसानी से मिल जाता है जबकि आम आदमी को पार्टी का टिकट के लिए लाखों करोड़ों रुपये देने पड़ते हैं | ज्यादातर राजनेताओं के परिवार के सगे सबंधी बिना समाज सेवा किये बिना यहाँ तक बिना ग्राम प्रधान व नगर पार्षद का छोटा चुनाव लड़े सीधे विधायिकी और सासंद का चुनाव लड़ते हैं |आज के परिवेश में  राजनीति में वंशवाद पर पाबंदी लगानी चाहिए तभी स्वस्थ लोकतंत्र की जीत होगी |-----++अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर,  संतोष कुमार श्रीवास्तव++

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