ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की गम्भीर समस्या वाले क्षेत्रों एवं जनपदों में पीने के पानी की समस्या न हो
बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी तालाबों, झीलों, नहरों को भी भरने के निर्देश
संकटग्रस्त क्षेत्रों में टैकरों से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय
ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु जनपद एवं ब्लाक स्तर पर कन्ट्रोल रूम को 24 घंटे अलर्ट रखा जाए
संकटग्रस्त क्षेत्रों में पानी का अभाव न होने पाए, इसके लिए हैण्डपम्पों का रिबोर कराकर इनकी मरम्मत करायी जाए
-डा0 महेन्द्र सिंह
लखनऊ, दिनांकः 06 अप्रैल, 2021
प्रदेश के नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की गम्भीर समस्या वाले क्षेत्रों एवं जनपदों में पीने के पानी की समस्या न हो, इसके लिए बुन्देलखण्ड क्षेत्र एवं सोनभद्र, मिर्जापुर, प्रयागराज, आगरा, फतेहपुर, चंदौली, कानपुर देहात एवं कानपुर नगर में जनपद स्तरीय कन्ट्रोल रूम स्थापित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी तालाबों, झीलों, नहरों को भी भरने के निर्देश अधिकारियों को दिये ताकि पशु-पक्षियों, जानवरों व आमजन को जल संकट का सामना न करना पड़े।
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री डा महेन्द्र सिंह ने गत दिवस विधान सभा के सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ जलापूर्ति विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संकटग्रस्ट क्षेत्रों में टैकरों से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय, इसके लिए टैंकरों एवं टैªक्टरों की उपलब्धता के लिए चिन्हित किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु जनपद एवं ब्लाक स्तर पर कन्ट्रोल रूम को 24 घंटे अलर्ट रखा जाए। इसके लिए नोडल अधिकारी भी नामित किये जाएं। उन्होंने निर्देशित किया है कि विकासखण्ड स्तर पर स्थित सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं विद्यालयों में जलापूर्ति की स्थिति का सर्वे कराया जाए, जिससे जल जीवन मिशन द्वारा पाइप पेयजल जलापूर्ति के लिए चलाये गये 100 दिवसीय अभियान की सफलता सुनिश्चित की जा सके।
ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री ने कहा कि समस्याग्रस्त सभी जनपदों तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों में प्याऊ लगाये जाएं। इन क्षेत्रों में पानी का अभाव न होने पाए, इसके लिए हैण्डपम्पों का रिबोर कराकर इनकी मरम्मत करायी जाए।
प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति श्री अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समस्या निराकरण हेतु राज्य स्तर, जनपद स्तर एवं विकास खण्ड स्तर पर 24 घण्टे एलर्ट पर रहने हेतु त्रिस्तरीय कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है जिसमें कुल 3378 अधिकारी/कर्मचारियों को लगाया गया है। राज्य स्तरीय कन्ट्रोल रूम का टोल फ्री नं0-1800-180-5226 एवं दूरभाष नं0-0522-2239426 है। प्रदेश के समस्त जनपदों में जनपद स्तर पर जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी एवं अधिशासी अभियन्ता, उ0प्र0 जल निगम को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। प्रदेश के समस्त विकास खण्डों में विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारियों को ग्रीष्म ऋतु में ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समस्या निराकरण हेतु नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
इस अवसर पर विशेष सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग श्री अखण्ड प्रताप सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी तालाबों, झीलों, नहरों को भी भरने के निर्देश
संकटग्रस्त क्षेत्रों में टैकरों से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय
ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु जनपद एवं ब्लाक स्तर पर कन्ट्रोल रूम को 24 घंटे अलर्ट रखा जाए
संकटग्रस्त क्षेत्रों में पानी का अभाव न होने पाए, इसके लिए हैण्डपम्पों का रिबोर कराकर इनकी मरम्मत करायी जाए
-डा0 महेन्द्र सिंह
लखनऊ, दिनांकः 06 अप्रैल, 2021
प्रदेश के नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की गम्भीर समस्या वाले क्षेत्रों एवं जनपदों में पीने के पानी की समस्या न हो, इसके लिए बुन्देलखण्ड क्षेत्र एवं सोनभद्र, मिर्जापुर, प्रयागराज, आगरा, फतेहपुर, चंदौली, कानपुर देहात एवं कानपुर नगर में जनपद स्तरीय कन्ट्रोल रूम स्थापित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी तालाबों, झीलों, नहरों को भी भरने के निर्देश अधिकारियों को दिये ताकि पशु-पक्षियों, जानवरों व आमजन को जल संकट का सामना न करना पड़े।
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री डा महेन्द्र सिंह ने गत दिवस विधान सभा के सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ जलापूर्ति विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संकटग्रस्ट क्षेत्रों में टैकरों से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय, इसके लिए टैंकरों एवं टैªक्टरों की उपलब्धता के लिए चिन्हित किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु जनपद एवं ब्लाक स्तर पर कन्ट्रोल रूम को 24 घंटे अलर्ट रखा जाए। इसके लिए नोडल अधिकारी भी नामित किये जाएं। उन्होंने निर्देशित किया है कि विकासखण्ड स्तर पर स्थित सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं विद्यालयों में जलापूर्ति की स्थिति का सर्वे कराया जाए, जिससे जल जीवन मिशन द्वारा पाइप पेयजल जलापूर्ति के लिए चलाये गये 100 दिवसीय अभियान की सफलता सुनिश्चित की जा सके।
ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री ने कहा कि समस्याग्रस्त सभी जनपदों तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों में प्याऊ लगाये जाएं। इन क्षेत्रों में पानी का अभाव न होने पाए, इसके लिए हैण्डपम्पों का रिबोर कराकर इनकी मरम्मत करायी जाए।
प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति श्री अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समस्या निराकरण हेतु राज्य स्तर, जनपद स्तर एवं विकास खण्ड स्तर पर 24 घण्टे एलर्ट पर रहने हेतु त्रिस्तरीय कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है जिसमें कुल 3378 अधिकारी/कर्मचारियों को लगाया गया है। राज्य स्तरीय कन्ट्रोल रूम का टोल फ्री नं0-1800-180-5226 एवं दूरभाष नं0-0522-2239426 है। प्रदेश के समस्त जनपदों में जनपद स्तर पर जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी एवं अधिशासी अभियन्ता, उ0प्र0 जल निगम को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। प्रदेश के समस्त विकास खण्डों में विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारियों को ग्रीष्म ऋतु में ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समस्या निराकरण हेतु नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
इस अवसर पर विशेष सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग श्री अखण्ड प्रताप सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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