NCR News:केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों में आरटीआई कानून के तहत आने वाले आवेदन लगातार कम हो रहे हैं। वर्ष 2019-20 में सर्वाधिक 1.92 लाख आवेदन वित्त मंत्रालय में आए लेकिन पिछले साल के 2.11 लाख से 9 फीसदी कम हैं। गृह मंत्रालय में 22% और रक्षा में 16% आवेदन कम आए। 2019-20 में केंद्र के 2,193 विभागों और एजेंसियों को 13.74 लाख से अधिक आवेदन मिले जिनमें 4.27% खारिज हुए।आरटीआई कार्यकर्ताओं के मुताबिक, इनमें 40% में "अन्य' कारणों के चलते तकनीकी आधार पर सूचना देने से इनकार किया गया। वहीं, 20% जानकारी ‘निजता के उल्लंघन’ के नाम पर नहीं दी। आवेदनों का बैकलॉक 19 फीसदी बढ़ा है। सबसे ज्यादा 1.15 लाख आवेदन रक्षा मंत्रालय में पेंडिंग हैं। मानव साधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) में 50 हजार से ज्यादा पेंडिंग हैं।रेलवे ने 2019-20 में 25 हजार आवेदन ट्रांसफर किए। वित्त ने 24 हजार और रक्षा ने 20 हजार से ज्यादा आवेदन अन्य मंत्रालयों में भेजे। ट्रांसफर किए गए 33 फीसदी आवेदन प्रधानमंत्री कार्यालय भेजे गए।आरटीआई कानून की धारा 8, 9, 11 व 24 में सूचना न देने की छूट है। जो 40% आवेदन खारिज हुए, उनमें कारण ‘अन्य’ बताए गए, जबकि कानून में ऐसी श्रेणी नहीं है।सीआईसी के अधिकारी ने बताया, जो आवेदन प्रारूप में नहीं होते उन्हें अन्य श्रेणी में खारिज करते हैं। वित्त मंत्रालय ने 42% आवेदन निजता के उल्लंघन के नाम पर रद्द किए। सेना से जुड़ा हर दूसरा आवेदन अपील स्तर पर पहुंचा। कंपनी मामलों का मंत्रालय ऐसा रहा जहां 2018-19 के 19,956 आवेदनों की तुलना में 2019-20 में 83,602 आवेदन आए। इस मंत्रालय के आदेवन 622% बढ़ गए।
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