उतरौला (बलरामपुर) सरकारी मदिरालय की दुकानों पर हुजूम कम नजर आता नहीं दिख रहा है,तो वहीं गोस्त के दामों में बेतहाशा वृद्धि होती दिख रही है।लोग इन दोनों कारणों के पीछे पंचायत चुनाव में वोटरों की आवभगत मान रहे हैं।
बताते चलें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजने के बाद नामांकन की तारीख आ चुकी है जिससे चुनावी मैदान में उतर रहे सभी उम्मीदवार चुनाव जीतने की ललक में वोटरों को अपने पाले में करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। जहां चुनावी बिगुल पूरे शबाब पर दिख रहा है वहीं वर्तमान समय में सरकारी शराब की दुकानों पर अन्य दिनों की अपेक्षा भीड़ अधिक आंकी जा रही है दूसरी ओर चुनाव के पहले 150रुपये किलो बिकने वाला मुर्गे का मीट वर्तमान समय में 220रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। वहीं चार सौ रुपए किलो में मिलने वाला बकरे का मीट 600रुपये किलो में पहुंच चुका है।इन कारणों को लेकर लोगों द्वारा चर्चा की जा रही है कि पंचायत चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए उम्मीदवारों द्वारा गांवों में दिन भर फील्ड वर्क के बाद शाम को दावत के रूप में गुपचुप तरीके से पार्टियों का आयोजन किया जा रहा है। जिससे शराब की खरीदारी पेटियों के भाव में की जा रही है तो गोस्त की मांग बढ़ने से दामों में वृद्धि हुई है। फिलहाल इन सभी कारणों की असलियत चाहे जो हो लोग पंचायत चुनाव को ही इसका मुख्य कारण मान रहे हैं।
उतरौला से असगर अली की रिपोर्ट।
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