उतरौला (बलरामपुर) कुछ महीनों की राहत के बाद महाराष्ट्र में कोरोना वायरस महामारी एक बार फिर अपने चरम पर है इस बीच मुंबई, भिवंडी,पूना,सूरत आदि शहरों में काम करने वाले क्षेत्र के हजारों प्रवासी मज़दूरों को किसी भी समय अपने गृह राज्य लौटने की आशंका के बीच फिर से अपने बैग पैक करने को मजबूर होना पड़ रहा है। सैकड़ों लोग तो ट्रेन पकड़कर वापस लौट भी रहे हैं।
 पिछले साल लाकडाउन की वजह से महाराष्ट्र से हजारों प्रवासी मज़दूरों को पलायन करना पड़ा था।इस बार तो स्थिति और खराब दिखाई दे रहा है। पिछले साल तो प्रवासी मज़दूरों की मदद करने वाले क‌ई लोग एवं संगठन थे जो उन्हें भोजन, दवाईयां आदि की सुविधा पहुंचा रहे थे।जब लाकडाउन खुला और सामान्य स्थिति लौटने लगी तो ये मजदूर भी अपने काम पर लौट आए थे, उन्हें काम पर लौटे मुश्किल से छह महीने भी नहीं हुए कि उन्हें एक बार फिर पलायन का डर सताने लगा है।कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही है और रोजाना हजारों मामले सामने आ रहे हैं यही वजह है कि वह पहले से ही अपना बैग पैक करने लगे हैं।रोजी रोटी के पूना में गये विक्की खां बताते हैं कि दिन में लाक डाउन व रात में कर्फ्यू जैसे हालात से काम धंधा नहीं चल रहा है परेशानी बढ़ती जा रही है इसलिए गांव आने के लिए तैयारी बना रहे हैं, पूना में रह रहे मैराज अहमद व अरमान ‌का कहना है कि एक बार फिर लाकडाउन से काम धंधा ठप हो गया है,काम धंधे की निस्बत से सूरत में रह रहे मोहम्मद हनीफ,रियाज बताते हैं कि लाकडाउन के कारण काम न होने से धीरे धीरे परेशानी बढ़ रही है
 अभी ट्रेन का संचालन हो रहा है इसलिए पिछले साल की परेशानी देखकर घर आने का मन बना लिया है।
असगर अली
उतरौला

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