त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण हेतु टेªनिंग नीड असेसमेंट व संदर्भ साहित्य विकास की दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का समापन
पंचायतों को सशक्त बनाने हेतु पंचायत प्रतिनिधियों का क्षमता विकास भली प्रकार से हो
पंचायत प्रतिनिधियों का दो दिवसीय राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम जून प्रथम सप्ताह से किया जाना प्रस्तावित
लखनऊ, दिनांक: 06 अप्रैल, 2021
अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज श्री मनोज कुमार ने कहा कि पंचायती राज विभाग में नव निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि अपने कार्यकाल के महत्व को समझे तथा प्राथमिकता पर कार्यालय का सक्रिय संचालन करें, इसके लिए आवश्यक है कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम में प्राथमिकता पर किए जाने वाले कार्यो से अवगत कराया जाए। उन्होंने यह वक्तव्य 5 व 6 अप्रैल, 2021 को राज्य स्तर पर ‘‘त्रि-स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण हेतु टेªनिंग नीड असेसमेंट व संदर्भ साहित्य विकास की दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के समापन अवसर पर दिया।
उन्होंने कहा कि पंचायत सामान्य निर्वाचन, 2021 के पश्चात् बड़ी संख्या में त्रिस्तरीय पंचायतों के 59095 सभापति एवं लगभग 6.50 लाख सदस्यों के चुने जाने की सम्भावना है, जोकि आग्रिम 05 वर्षाें में पंचायतों के विकास की दिशा में कार्य करंेगे। पंचायत स्तर के कार्य बेहतर तरीके से हो तथा पंचायतें सशक्त हों इसके लिए पंचायत का नेतृत्व भी सशक्त होना आवश्यक है। पंचायतों को सशक्त बनाने हेतु पंचायत प्रतिनिधियों का क्षमता विकास भली प्रकार से हो तथा वह अपने कर्तव्यों को जाने इस हेतु ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्षों का दो दिवसीय राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम जून प्रथम सप्ताह से किया जाना प्रस्तावित है। इस हेतु उनकी प्रशिक्षण आवश्यकताओं तथा उनके लिए सरल एवं गुणवत्तापरक संदर्भ साहित्य विकसित किया जाने के उद्देश्य से दिनांक 05 को दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का उद्घाटन पंचायतीराज निदेशक श्रीमती किंजल सिंह द्वारा पंचायती राज निदेशालय, लोहिया भवन में किया गया। जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर को चिन्हित कर समूह बनाकर कार्य किया गया एवं सदंर्भ साहित्य विकास का कार्य किया गया।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक, पंचायती राज विभाग एवं प्रभारी-मिर्जापुर मंडल, मुख्यालय के समस्त नोडल अधिकारी/उपनिदेशक(पं0), 05 जनपदों (बरेली, मेरठ, अलीगढ़, देवीपाटन, लखनऊ) के मंडलीय उपनिदेशक(पं0), उपनिदेशक, जिला पंचायत अनुश्रवण कोष्ठक, प्रमुख डेवलेपमेंट पार्टनर्स, उ0प्र0- (यूनीसेफ, सेव द चिल्ड्रन, वाॅटर एड, टाटा ट्रस्ट, सहभागी शिक्षण केन्द्र, ए.एफ.सी., एच.सी.एल., वल्र्ड विज़न, इंडिया डेवलेपमेंट सेंटर), मुख्य विकास अधिकारी जनपद- बाराबंकी व लखनऊ के साथ विषय विशेषज्ञों के रूप में राज्य सलाहकार, पंचायती राज निदेशालय उपस्थित रहे
पंचायतों को सशक्त बनाने हेतु पंचायत प्रतिनिधियों का क्षमता विकास भली प्रकार से हो
पंचायत प्रतिनिधियों का दो दिवसीय राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम जून प्रथम सप्ताह से किया जाना प्रस्तावित
लखनऊ, दिनांक: 06 अप्रैल, 2021
अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज श्री मनोज कुमार ने कहा कि पंचायती राज विभाग में नव निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि अपने कार्यकाल के महत्व को समझे तथा प्राथमिकता पर कार्यालय का सक्रिय संचालन करें, इसके लिए आवश्यक है कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम में प्राथमिकता पर किए जाने वाले कार्यो से अवगत कराया जाए। उन्होंने यह वक्तव्य 5 व 6 अप्रैल, 2021 को राज्य स्तर पर ‘‘त्रि-स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण हेतु टेªनिंग नीड असेसमेंट व संदर्भ साहित्य विकास की दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के समापन अवसर पर दिया।
उन्होंने कहा कि पंचायत सामान्य निर्वाचन, 2021 के पश्चात् बड़ी संख्या में त्रिस्तरीय पंचायतों के 59095 सभापति एवं लगभग 6.50 लाख सदस्यों के चुने जाने की सम्भावना है, जोकि आग्रिम 05 वर्षाें में पंचायतों के विकास की दिशा में कार्य करंेगे। पंचायत स्तर के कार्य बेहतर तरीके से हो तथा पंचायतें सशक्त हों इसके लिए पंचायत का नेतृत्व भी सशक्त होना आवश्यक है। पंचायतों को सशक्त बनाने हेतु पंचायत प्रतिनिधियों का क्षमता विकास भली प्रकार से हो तथा वह अपने कर्तव्यों को जाने इस हेतु ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्षों का दो दिवसीय राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम जून प्रथम सप्ताह से किया जाना प्रस्तावित है। इस हेतु उनकी प्रशिक्षण आवश्यकताओं तथा उनके लिए सरल एवं गुणवत्तापरक संदर्भ साहित्य विकसित किया जाने के उद्देश्य से दिनांक 05 को दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का उद्घाटन पंचायतीराज निदेशक श्रीमती किंजल सिंह द्वारा पंचायती राज निदेशालय, लोहिया भवन में किया गया। जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर को चिन्हित कर समूह बनाकर कार्य किया गया एवं सदंर्भ साहित्य विकास का कार्य किया गया।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक, पंचायती राज विभाग एवं प्रभारी-मिर्जापुर मंडल, मुख्यालय के समस्त नोडल अधिकारी/उपनिदेशक(पं0), 05 जनपदों (बरेली, मेरठ, अलीगढ़, देवीपाटन, लखनऊ) के मंडलीय उपनिदेशक(पं0), उपनिदेशक, जिला पंचायत अनुश्रवण कोष्ठक, प्रमुख डेवलेपमेंट पार्टनर्स, उ0प्र0- (यूनीसेफ, सेव द चिल्ड्रन, वाॅटर एड, टाटा ट्रस्ट, सहभागी शिक्षण केन्द्र, ए.एफ.सी., एच.सी.एल., वल्र्ड विज़न, इंडिया डेवलेपमेंट सेंटर), मुख्य विकास अधिकारी जनपद- बाराबंकी व लखनऊ के साथ विषय विशेषज्ञों के रूप में राज्य सलाहकार, पंचायती राज निदेशालय उपस्थित रहे
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