हाथरस ||पंचायत चुनाव लड़ने की कवायद शुरू होने के बाद शनिवार को नामांकन पत्र दाखिल किए गए। गांव की सरकार बनाने की नेताओं में सरगर्मी में तेज रही। चुनाव को लेकर परिवार के साथ नजदीकी रिश्तेदारों में दरार की लकीरें भी पड़ने लगी । भारतीय जनता पार्टी ने मुकुल उपाध्याय की पत्नी रितु उपाध्याय को जिला वार्ड नंबर चौदह से पंचायत सदस्य पद के लिए प्रत्याशी बनाकर उतारा है। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि उसी वार्ड से मुकुल के बड़े भाई रामवीर उपाध्याय ने अपनी पत्नी पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय को चुनाव लड़ाने के लिए मैदान में उतार दिया है। जबकि खास रिश्ते में सीमा उपाध्याय जेठानी है। और रितु उपाध्याय देवरानी हैं। शनिवार को जिला पंचायत सदस्य पद पर रामवीर उपाध्याय की पत्नी पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। हालांकि उनकी देवरानी भाजपा प्रत्याशी रितु उपाध्याय रविवार को नामांकन दाखिल करेंगी। उपाध्याय परिवार में जिला पंचायत सदस्य पद पर उम्मीदवारी को लेकर रार सामने आ गई है। हाथरस में रामवीर उपाध्याय बड़े नेता माने जाते हैं। जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव को लेकर पूर्व मंत्री व सादाबाद विधायक रामवीर उपाध्याय ने पत्नी सीमा उपाध्याय को चुनाव में उतार कर हलचल पैदा कर दी है। सीमा उपाध्याय ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन किया। रामवीर उपाध्याय ने आगरा रोड पर स्थित आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तभी मुकुल उपाध्याय पहुंच गए, उपाध्याय के पैर छूने के लिए झुके तो रामवीर ने उन्हें वहां से जाने के लिए बोल दिया। मुकुल उपाध्याय की आंखों पर आंसुओं की झलक दिखाई दे रही थी लेकिन वह अपने घर की तरफ चल दिए। भाजपा से मुकुल उपाध्याय की पत्नी प्रथम बार जिला पंचायत का चुनाव लड़ रही है। हालांकि रितु उपाध्याय 2017 में हाथरस नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ी थी लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन मुकुल उपाध्याय बसपा से एमएलसी, इगलास विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं। सीमा उपाध्याय फतेहपुर सीकरी से सांसद रही हैं इसके अलावा दो बार हाथरस की जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
देखा जाए तो भाजपा के प्रत्याशियों की सूची जारी में वार्ड नंबर चौदह से मुकुल उपाध्याय की पत्नी रितु उपाध्याय को प्रत्याशी बनने से परिवार में रार पैदा हो गई है। शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी की थी। इसी सूची में वार्ड नंबर चौदह से रितु उपाध्याय का नाम आया था। लेकिन उपाध्याय परिवार में यह नाम सुर्खियों में बन गया। और रार की जड़ बन गया। रामवीर उपाध्याय अपने छोटे भाई निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष विनोद उपाध्याय को भाजपा से टिकट दिलाना चाहते थे। लेकिन भाजपा ने प्रत्याशी मुकुल उपाध्याय की पत्नी रितु उपाध्याय को घोषित किया। शनिवार को रामवीर उपाध्याय ने आगरा रोड आवास पर प्रेस वार्ता कराई। इस दौरान क्षेत्र के सैकड़ों लोग मौजूद थे। रामवीर और विनोद उपाध्याय की बातें अपने छोटे भाई मुकुल उपाध्याय पर टिकी रही। रामवीर उपाध्याय ने मुकुल को हमेशा से धोखेबाज बताया है। उन्होंने कहा कि मुकुल को पढ़ाया लिखाया, राजनीति में लाया, चुनाव लड़ाने के लिए करोड़ों रुपए इधर-उधर कर दिए रामवीर ने कहा कि मुकुल को एमएलसी भी बनाया। लेकिन उसने हमेशा धोखा दिया है। मेरे मना करने के बावजूद शिकारपुर सीट पर समधी और राज्यमंत्री अनिल शर्मा के खिलाफ 2017 में चुनाव लड़े। हालांकि हार का सामना देखना पड़ा था। रामवीर ने घर के तीन सदस्यों को चुनावी मैदान में उतारा है वार्ड नंबर चौदह से उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन कर दिया है। विनोद उपाध्याय को वार्ड नंबर बीस से और उनकी पत्नी सरोज उपाध्याय को वार्ड नंबर सोलह और इक्कीस से रविवार को नामांकन करेंगे। इधर मुकुल उपाध्याय ने अपनी पत्नी रितु उपाध्याय का नामांकन भी रविवार को कराने की बात कही है। इसे लेकर लोग चर्चाओं के घेरे में दिखाई दिए। वार्ड नंबर चौदह की भाजपा उम्मीदवार रितु उपाध्याय देवरानी के सामने मैदान में उतरी जेठानी सीमा उपाध्याय का चुनावी मुकाबला होगा। किसे हराना और किसके सर पंचायत प्रतिनिधियों का सेहरा पहनाना है इसका जवाब जनता हाथरस की जनता पर निर्भर है।
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