मशहूर प्रसिद्ध कारोबारी श्यामाचरण गुप्ता का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान 9 अप्रैल की देर रात निधन हो गया। कोरोना संक्रमित उनकी पत्नी यमुनोत्री देवी और विद्रूप अग्रहरी अभी भी दिल्ली में इलाजरत हैं। उनके निधन की पुष्टि भतीजे अनिल अग्रहरी ने की है। जिससे प्रयागराज कि राजनीतिक एवं व्यापारिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। भतीजे ने बताया कि हृदय गति रुकने से मौत हुई है।

वर्ष 1989 में वह भाजपा से ही चुनाव लड़कर मेयर बने। वर्ष 1991 में कमल निशान पर ही इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े। वर्ष 1995 में उनकी पत्नी जमुनोत्री गुप्ता भी भाजपा के टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं। श्याम चरण ने विधानसभा का चुनाव भी भाजपा से ही लड़ा है।

लोकसभा टिकट को लेकर ही उनका पार्टी नेताओं से मनमुटाव हुआ और उन्होंने सपा की राह पकड़ी। सपा के टिकट पर वर्ष 2004 में बांदा से सांसद चुने गए। 2009 लोकसभा चुनाव फूलपुर क्षेत्र से वह हार गए। 14 अप्रैल 2014 को वे भाजपा के टिकट पर इलाहबाद संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के रेवती रमन सिंह को मात देते हुए भरी विजयी होकर सांसद निर्वाचित हुए।

श्याम चरण गुप्ता ने सन 1973 श्याम समूह की स्थापना थी। वर्तमान में यह जानी मानी बिज़नेस कम्पनी है। बीड़ी के बड़े व्यापारी होने के कारण गुप्ता को बीड़ी किंग भी कहा जाता है। वह श्याम ग्रुप ऑफ कम्पनीज के संस्थापक एवं सीएमडी थे। परिवार में जमुनोत्री गुप्ता इनकी पत्नी हैं। इनके दो पुत्र, विदुप अग्रहरि, विभव अग्रहरि और एक पुत्री वेणु अग्रहरि धींगरा हैं। श्याम चरण गुप्ता अग्रहरि वैश्य समुदाय से आते हैं।

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