" विश्व होम्योपैथी दिवस
जनस्वास्थ्य के लिये होम्योपैथी ,इंट्रीग्रेटिव मेडिसिन माइंड, बॉडी , सोल "
विश्व होम्योपैथी दिवस को होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 10 अप्रैल को दुनिया भर में मनाया जाता है। इस वर्ष यह होम्योपैथी के संस्थापक की 266वीं जयंती है। --------
आयुष मंत्रालय भारत सरकार इस बार विश्व होम्योपैथी दिवस को थीम
" जनस्वास्थ के लिये होम्योपैथी इंट्रीग्रेटिव मेडिसिन माइंड बॉडी सोल " पर मना रहा है
विश्व होम्योपैथी दिवस का आयोजन शासकीय होम्योपैथी औषधालय मगजपुरा धार पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंस के साथ किया गया प्रभारी जिला आयुष अधिकारी आर एम ओ डॉ आर सी मुवेल ने डॉ क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनिमैन के चित्र पर माला अर्पित कर किया डॉ गायत्री मुवेल ने होम्योपैथी चिकित्सा के विकास पर प्रकाश डाला
डॉ नरेन्द्र नागर ने होम्योपैथी के माध्यम के किस तरह जन स्वास्थ्य को किस तरह लाभ होम्योपैथी के माध्यम से किया जा रहा है के संबंध में बताया ।
होम्योपैथी चिकित्सा का ही एक सैद्धांतिक रूप है, जो 'सम: समम् समयति'' या 'समरूपता'' औषधि सिद्धांत पर आधारित है। इस पद्धति में रोगियों का उपचार न केवल होलिस्टिक दृष्टिकोण के माध्यम से किया जाता है, बल्कि रोगी की व्यक्तिवादी विशेषताओं को समझ कर एवं उनकी स्वयं की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर रोग को समूल नष्ट करने के योग्य बनाया जाता है।
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