कस्बे के दुकानदार जिलाधिकारी के साप्ताहिक बंदी के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बंदी के दिन भी नगर की अधिकांश दुकानें खुली रहती हैं। जबकि सातों दिन काम के एवज में दुकानदार कर्मचारियों को अलग से पारिश्रमिक नहीं देते हैं।
उतरौला नगर में सोमवार को साप्ताहिक बंदी का दिन तय है। इस दिन क्लीनिक मेडिकल स्टोर, सब्जी समेत खाने-पीने का सामान बेचने वाली दुकानों के अलावा अन्य दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। परन्तु उन आदेशों को दरकिनार कर
बंदी के दिन भी दुकानदार अपनी दुकानें खोले रहते हैं। इससे प्रतिष्ठान पर काम करने वाले कर्मचारियों को सप्ताह के सातों दिन काम करना पड़ता है। प्रतिष्ठान कर्मचारियों ने बताया कि दुकान मालिक सोमवार को बंदी के दिन भी छुट्टी नहीं देेते हैं। इस दिन अतिरिक्त पारिश्रमिक भी नहीं मिलता है। छुट्टी लेने पर पैसे काट लिए जाते हैं।
स्थानीय प्रशासन की अनदेखी व सुस्त रवैया के कारण निर्धारित सोमवार बंदी के दिन उतरौला नगर के मुख्य बाजार, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, भीमराव अंबेडकर चौराहा, बरदही बाजार, गोंडा मोड़ साहित्य रेहरा बाजार, सादुल्लाह नगर में लगभग सभी दुकाने खुली रहती हैं।
साप्ताहिक बंदी को पूर्णतया सुनिश्चित कराए जाने के लिए उतरौला विकास मंच के अध्यक्ष आदिल हुसैन ने कई शिकायती पत्र उच्च अधिकारियों को दे चुके हैं।
असगर अली
उतरौला
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