*जनपद न्यायाधीश द्वारा जारी किए गये आवश्यक दिशा-निर्देश*

दिनांक 07 अप्रैल, 2021

बलरामपुर। माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक कार्य के संचालन के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश निर्गत किये गये है। जिसका अनुपालन कराएं जाने हेतु जनपद न्यायाधीश शेष मणि ने निर्देश जारी किये है।
                      समस्त न्यायिक अधिकारियों द्वारा मा0 उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुसार मुकदमें ट्रायल में साक्षियों का बयान छोड़कर अन्य समस्त न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्यों का संपादन किया जायेगा। यदि किसी विशेष परिस्थिति में साक्ष्य अंकित किया जाना अनिवार्य हो तो अनुमति के उपरान्त ही साक्ष्य अंकित किया जाए। न्यायिक कार्यों के सम्पादन के पश्चात् न्यायिक अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण, यथाशीघ्र न्यायालय परिसर छोड़ देंगे। वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालय की कार्यवाही हेतु अपर जनपद न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश(एस0सी0/एस0टी0 एक्ट) का न्यायालय पूर्व से निर्धारित है। अधिवक्तागण उक्त न्यायालय में वीडियों काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से अपने वादों की पैरवी कर सकते है। इस हेतु प्रत्येक न्यायिक अधिकारियों के लैपटाॅप पर जी0आई0टी0एस0आई0 अपलोड है। न्यायिक अधिकारियों द्वारा जेल में निरुद्ध दोषसिद्ध बन्दियों से सम्बन्धित रिमाण्ड/अन्य न्यायिक कार्यों का संपादन केवल जी0आई0टी0एस0आई0 लैन वीडियो काॅन्फ्रेसिंग साफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा।
                        नये वाद/प्रार्थना पत्र केन्द्रीयकृत कम्प्यूटर अनुभाग में प्राप्त किये जायेंगें तथा प्राप्त सभी प्रार्थना पत्र सी0आई0एस0 पर पंजीकृत किये जायेंगें। प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता/वादकारी का विवरण, मो0 नम्बर अंकित किया जायेगा तथा यदि प्रार्थना पत्र में कोई कमी हो तो तत्काल सम्बन्धित अधिवक्तागण को सूचित किया जायेगा। अधिवक्तागण  जमानत आवेदन/अग्रिम जमानत/लिखित तर्क ई-मेल इसचण्कबपिससपदह/हउंपसण्बवउ पर भेज सकते है अथवा कम्प्यूटर अनुभाग में प्राप्त करा सकते है। न्यायालय में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मास्क पहनना, सामाजिक व शारीरिक दूरी बनाये रखना अनिवार्य होगा। प्रत्येक न्यायालय के प्रवेश द्वारा पर सैनेटाइजर की व्यवस्था होगी। न्यायालय के रीडर, क्लर्क आदि भी सामाजिक व शारीरिक दूरी का पालन करेंगें। केवल उन्हीं अधिवक्ताओं का न्यायालय में प्रवेश की अनुमति होगी जिनका वाद सुनवाई हेतु नियत है तथा ऐसे अधिवक्ता न्यायालय की कार्यवाही समाप्त होने के उपरान्त न्यायालय परिसर को तत्काल छोड़ देंगें।
समस्त पीठासीन अधिकारी यथासम्भव प्रयास करें कि न्यायालय कक्ष में एक समय में कम से कम संख्या में अधिवक्ता/वादकारी उपस्थित हो तथा उनके द्वारा सामाजिक और शारीरिक दूरी का पालन किया जा रहा है। मा0 उच्च न्यायालय द्वारा उक्त अवधि में पुरुष तथा महिला अधिवक्ताओं हेतु न्यायालय में आने हेतु निर्धारित वेशभूषा में छूट प्रदान की गई है। पुरुष अधिवक्ता सफेद सर्ट बैण्ड के साथ व हल्के रंग की पेन्ट तथा महिला अधिवक्ता हल्के रंग की पोशाक व बैण्ड धारण करेंगें। साथ ही न्यायिक अधिकारियों को कोट व गाउन पहनने से छूट प्रदान की गई है।
                         किसी प्रकार की असुविधा अथवा किसी अन्य जानकारी हेतु अधिवक्तागण/ वादकारीगण श्री प्रदीप कुमार श्रीवास्तव प्रशासनिक लिपिक के मोबाइल नम्बर-7985486255 पर सम्पर्क कर सकते है।
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आनंद मिश्र
 बलरामपुर 

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