गोंडा-मामला है हनुमान मंदिर के पास चौराहे पर स्थित एक सागर चाउमीन चाट भंडार वाले का, जो सरकार द्वारा बेशक रसोई गैस के प्रयोग हेतु नए नियम निर्धारित कर सिलेंडरों की संख्या सीमित कर दी गई हो, लेकिन इसके बावजूद घरेलू गैस की कम आपूर्ति व कालाबाजारी के कारण लोगों को गैस मिलने में परेशानी हो रही है। वहीं दूसरी ओर घरेलू गैस का व्यावसायिक रूप में धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है, जिससे लोग परेशान हैं, मामला है इटियाथोक चौराहे पर स्थित सागर चाऊमीन वाले का जो धड़ल्ले से कमर्शियल गैस के बजाय घरेलू गैस का उपयोग अपने व्यवसायिक कार्य के लिए उपयोग कर रहे हैं जिस पर संबंधित अधिकारी किसी भी प्रकार का कोई कार्यवाही नहीं कर रहे शिकायत करने के बावजूद सागर मीडिया कर्मियों से झड़प करने में जुट गए,गैस लेने के लिए लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन कम आपूर्ति व मांग ज्यादा होने के कारण रिफिल के लिए उपभोक्ताओं को बुकिग के तीन या चार दिन बाद गैस उपलब्ध कराई जा रही है,वाहनों के साथ-साथ होटलों में भी घरेलू गैस प्रयुक्त हो रही है,लोग अपनी गाड़ियों में पेट्रोल की बजाए घरेलू एलपीजी गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं, मजेदार बात यह है कि सड़क निर्माण के समय प्रयुक्त होने वाली मशीन को चलाने के लिए भी घरेलू गैस का प्रयोग किया जा रहा है। होटलों व ढाबों में घरेलू गैस के प्रयोग के कारण ही लोगों को अपने घरों के लिए गैस सिलेंडर नहीं मिल पा रहे हैं, क्योंकि बड़ी मात्रा में कु¨कग गैस ऐसे ठिकानों पर खर्च हो जाती है, लेकिन इस स्थिति के बाद भी घरेलू गैस का दुरूपयोग को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है।

रिपोर्ट- सूरज कुमार शुक्ला गोंडा

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