*चुनाव में संक्रमितों ने भी डाला वोट, बेलगाम हुआ कोरोना*


श्रावस्ती। पंचायत चुनाव ने जिले में कोरोना संक्रमण को 90 फीसदी से भी ऊपर कर दिया। इसका कारण था कि संक्रमित लोगों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं कुछ कर्मी भी कोविड संक्रमित थे। ऐसे ही एक कर्मी को बूथ से हटाना भी पड़ा।
पंचायत चुनाव भले ही ग्रामीण सरकार के लिए एक जरूरी कदम रहा हो। लेकिन जिले में इस चुनाव के दूसरे दिन कोरोना का तांडव शुरू हो गया। चुनाव में लगे कर्मियों में कोविड लक्षण दिखाई देने लगे। जबकि कई कार्यालयों पर इसका बम भी फूटा। संक्रमण में वृद्धि का कारण था कि जो लोग पहले से कोरोना पॉजिटिव थे। उनको बूथ तक जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने कोई भी पहल पहले से नहीं किया। इसीलिए कोविड संक्रमित भी अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सफल रहे। जबकि जो लोग महानगरों से केवल मतदान करने आए थे। उनका आंकड़ा तो प्रशासन पंचायत विभाग के माध्यम से एकत्र करता रहा। लेकिन वह संक्रमित हैं या नहीं इसकी जांच के लिए उन तक चिकित्सकीय दल नहीं पहुंचा।


जिसके चलते न केवल उन लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग सामान्य तरीके से किया। बल्कि वह चुनाव प्रचार का एक हिस्सा बन कर लोगों से मिलते रहे। तीसरा जो सबसे महत्वपूर्ण कारण था कि जो लोग कोविड प्रोटोकाल का पालन अभी तक करते आ रहे थे। वह बूथ में आकर अन्य लोगों के संपर्क में आए। बल्कि उन मतदान कर्मियों के संपर्क में आ गए जिनमें कोविड के लक्षण प्रथम दृष्टया मौजूद थ।
ऐसी ही स्थिति मतदान केंद्र भोजपुर में देखने केा मिला। यहा तैनात मतदान कर्मी खांसी व बुखार से पीड़ित था। ऐसे में कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए कर्मी को बूथ से हटा कर केंद्र को सैनिटाइज कराया गया। लेकिन ऐसी स्थिति सभी स्थानों पर नहीं रही। अधिकांश केंद्रों में तैनात कर्मी कोई न कोई कर्मी बुखार व जुकाम से पीड़ित था। जबकि लाइन में खड़े लोगों में 10 फीसदी अबुखार व जुकाम के साथ ही कई अन्य संक्रमण देखने केा मिले।
मतदान के दौरान कोरोना प्रोटोकाल की धज्जियां सभी बूथों पर उड़ीं। 90 फीसदी लोग गैर मास्क के ही कतारबद्ध थे। सामाजिक दूरी जैसी कोई भी चीज कहीं देखने को नहीं मिली। सभी स्थानों पर वोटर सट कर खड़े थे। जिनमें से अधिकांश बीमार थे।

कोविड 19 को दृष्टिगत बौद्ध तपोस्थली स्थित जेतवन परिसर को 16 अप्रैल से 15 मई तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। जिसके चलते अब पर्यटक आनंद बोधि वृक्ष, गंध कुटी, कौशांबी कुटी ,शिवली स्तूप, संघा राम विहार में पूजा अर्चना
नहीं कर पाएंगे।
-एके तिवारी, पूरातत्व प्रभारी।


हिंदी संवाद न्यूज़ उत्तर प्रदेश।

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