उतरौला (बलरामपुर) त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजते ही पंचायत चुनाव के विभिन्न पदों पर काबिज होने के लिए प्रत्याशियों की सरगर्मी तेज हो गई है। लेकिन खेती किसानी में लगे ग्रामीण मतदाताओं को रबी की फसल कटाई मड़ाई कर घर ले जाने साल भर खाने खर्चे की चिंता सताने से उनका ध्यान फिलहाल पंचायत चुनाव की ओर नहीं जा रहा है। मतदाताओं की बेरुखी से प्रत्याशियों की बैचैनी काफी बढ़ी हुई है।
     भले ही इस समय पंचायत चुनाव का डंका बज चुका है और पंचायत चुनाव के विभिन्न पदों पर काबिज होने का सपना संजोए हुए दावेदारों का मन चुनावी समर में कूदने के लिए मचलने लगा है।आलम यह है कि चुनावी समर के सभी सूरमा रात दिन एक करके गांव गांव मतदाताओं को रिझाने में जुट गए हैं। किंतु इस समय गेहूं की कटाई मड़ाई का समय होने के कारण ग्रामीण मतदाता सारा ध्यान अपने फसलों को सुरक्षित अपने घर पर लाने में लगाये हुए हैं।
इसी कारण फिलहाल उनका पंचायत चुनाव से मोहभंग नजर आ रहा है। ऐसे में प्रधान समेत विभिन्न पदों के प्रत्याशी ग्रामीण मतदाताओं द्वारा चुनाव में रुचि न लिए जाने के कारण बेहद बेचैन नजर आ रहे हैं।
असगर अली 
उतरौला

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