NCR News:ऑनलाइन क्लास से बच्चे पढ़ाई के प्रति उदासीन हो रहे हैं, स्कूल को लेकर बच्चों में उत्साह खत्म हो रहा है। सबकुछ ऑटोमोड में चल रहा है, आलस बढ़ गया है। 80% बच्चों का सोने-जागने, नहाने-ब्रश करने का डेली रूटीन बिगड़ गया है, उन्हें ऑनलाइन क्लास के चलते मिली ढिलाई भाने लगी है, खासकर 8वीं तक के बच्चों में यह प्रवृत्ति ज्यादा है।सीबीएसई की स्टूडेंट हेल्पलाइन की प्रमुख काउंसलर गीतांजलि कुमार बताती हैं कि उनके पास आने वाले हर 10 पैरेंट्स में से 8 इसी विषय पर बात कर रहे हैं। पैरेंट्स और बच्चों के बीच टोकाटाकी, बहस और चिड़चिड़ापन अब हर घर की कहानी है। कोरोना के चलते इस हफ्ते देशभर में लगातार दूसरा शैक्षणिक सत्र शुरू हुआ, जिसमें ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है।पिछले सत्र में बिना स्कूल गए सभी बच्चे अगली कक्षाओं में प्रवेश पा गए। गीतांजलि का कहना है कि बच्चों में स्कूल को लेकर उत्साह, उमंग नहीं है। कुछ बच्चे तो स्कूल जाना ही नहीं चाहते, उन्हें ये आरामतलबी रास आने लगी है। अनुशासन कमजोर हुआ। टाइम टेबल का पालन, नियमित दिनचर्या में रहना-ये बातें पूरी तरह से बिगड़ गई हैं। बच्चे आलसी हो रहे हैं। बचपन के साल हमारे पूरे जीवन की नींव हैं, इस दौर में हमारी नींव ही कमजोर हो रही है।

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