*गोसाईगंज के नन्हें रोजेदारों ने कोरोना से निजात की मांगी दुआ*
**डाक्टर ए०के०श्रीवास्तव,  अयोध्या ब्यूरो चीफ*

*मया बाजार (अयोध्या)*

 पवित्र माह-ए-रमजान में खुदा की इबादत को जीवन का वरदान माना जाता है। इबादत में ममता है, विनय है। धार्मिक प्रवचनों का श्रवण और कुरान का पाठ इस माह का उपहार है। ऐसे में नन्हे रोजेदार भी अल्लाह की इबादत में लगे हुए हैं।
रमजान के महीने में मुस्लिम धर्मावलंबी अल्लाह की इबादत करने में जुड़े हुए हैं। ऐसे में बच्चे भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे। मुस्लिम समाज के लोग भी सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए रोजा रखकर अपने घरों में नमाज अदा कर रहे हैं। बड़े बुजुर्गों के अलावा छोटे-छोटे बच्चे भी रोजा रखकर अल्लाह की इबादत कर रहे हैं कि कोरोना से शीघ्र हमारे देश को मुक्ति मिले। ताकि हम बच्चे खुलकर अपने जीवन जी सकें। नन्हें रोजेदार खुद के लिए नहीं बल्कि दूसरे के लिए दुआ कर रहे हैं। यह जानकारी डॉक्टर जावेद ने दी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में रमजान के पवित्र माह में छोटे-छोटे रोजेदार दिन भर रोजा रख रहे हैं और दिन में पांच वक्त का नमाज भी अदा कर रहे हैं। वहीं नन्हें रोजेदार कहते है कि खुदा से प्रेम करना ही असली इबादत है। इबादत से बरकत मिलती है। बरकत से जीवन की अपेक्षाएं पूरी होती है। रोजा रखकर मैं अमन चैन की कामना अल्लाह से करता हूं। मौके पर रोजेदार बच्चों ने बताया की रोजा रखकर इबादत करने से अल्लाह हर गुनाह को माफ कर देता है। रोजा रखकर हम सभी बच्चे अल्लाह से दुआ मांग रहे हैं कि कोरोना महामारी से जल्दी छुटकारा मिल जाए सभी बच्चे को रोजा रखकर अल्लाह का इबादत करना चाहिए ताकि हम हंसी-खुशी अपना जीवन व्यतीत कर सकें। इन्होंने कहा की अल्लाह से हम फरियाद करते हैं कि कोरोना जैसे महामारी से शीघ्र निजात मिले।

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