सभी से विनम्र आग्रह है ।

हवा में कुछ हलचल है,
थोड़े समझदार हो जाइए!

तूफान आने का अंदेशा है, 
थोड़े खबरदार हो जाइए!

बुझ ना जाए बेवक्त कहीं, 
जलते  चिराग़  इन हवाओं से!

इल्तिज़ा है सबसे यही कि, 
थोड़े होशियार हो जाइए!

हरने आई है ये बंद हवाएँ, 
चैन ओ सुकून जिंदगी का!

सब कुछ छोड़ के पहले, 
ख़ुद के पहरेदार हो जाइए!

उड़ने  लगी  रंगत  देखो, 
इन कायनाती फिज़ाओं की!
 
कैद  कर के ख़ुद को अब,
घर में गुलज़ार हो जाइए!!

अजब है ये जंग जिंदगी की, 
जीत ना सकेंगे दौड़ के!

ठहर के अपने मुक़ाम पे, 
जीत के दावेदार हो जाइए!

*Stay Home*
*Stay Safe*------_----+++डाक्टर ए०के०श्रीवास्तव, अयोध्या ब्यूरो चीफ++

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