संरक्षित छुट्टा गोवंश की देखभाल हेतुु 50.00 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत
लखनऊ, दिनांकः 06 अप्रैल, 2021
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के छुट्टा गोवंश की देखभाल हेतुु 50.00 करोड़ रूपये की धनराशि प्रथम किश्त के रूप में वर्तमान वित्तीय वर्ष में स्वीकृत की है। स्वीकृत धनराशि का व्यय अस्थाई गोवंश आश्रय की स्थापना, संचालन व संरक्षित गोवंश के भरण-पोषण हेतु किया जायेगा। आवंटित धनराशि का उपयोग अधिकतम 30 रूपये प्रतिदिन की दर से प्रति गोवंश हेतु किया जाएगा।
इस संबंध में पशुधन विभाग द्वारा शासनादेश जारी करते हुए निदेशक, प्रशासन विकास पशुपालन विभाग को अस्थाई गोवंश आश्रय के सुचारू संचालन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि से अस्थाई गोवंश आश्रय की स्थापना, संचालन व संरक्षित गोवंश के भरण-पोषण का कार्य कराए जाने एवं उसके अग्रेतर संचालन की पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित जिलाधिकारी की होगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा निराश्रित/बेसहारा गोवंश के निराकरण के लिये उत्तर प्रदेश के समस्त ग्रामीण व शहरी स्थानीय निकायों यथा ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निकायों में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना व संचालन नीति प्रख्यापित की गयी है, जिसके तहत संरक्षित छुट्टा गोवंश की देखभाल का निरन्तर कार्य किया जा रहा है।
लखनऊ, दिनांकः 06 अप्रैल, 2021
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के छुट्टा गोवंश की देखभाल हेतुु 50.00 करोड़ रूपये की धनराशि प्रथम किश्त के रूप में वर्तमान वित्तीय वर्ष में स्वीकृत की है। स्वीकृत धनराशि का व्यय अस्थाई गोवंश आश्रय की स्थापना, संचालन व संरक्षित गोवंश के भरण-पोषण हेतु किया जायेगा। आवंटित धनराशि का उपयोग अधिकतम 30 रूपये प्रतिदिन की दर से प्रति गोवंश हेतु किया जाएगा।
इस संबंध में पशुधन विभाग द्वारा शासनादेश जारी करते हुए निदेशक, प्रशासन विकास पशुपालन विभाग को अस्थाई गोवंश आश्रय के सुचारू संचालन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि से अस्थाई गोवंश आश्रय की स्थापना, संचालन व संरक्षित गोवंश के भरण-पोषण का कार्य कराए जाने एवं उसके अग्रेतर संचालन की पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित जिलाधिकारी की होगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा निराश्रित/बेसहारा गोवंश के निराकरण के लिये उत्तर प्रदेश के समस्त ग्रामीण व शहरी स्थानीय निकायों यथा ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निकायों में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना व संचालन नीति प्रख्यापित की गयी है, जिसके तहत संरक्षित छुट्टा गोवंश की देखभाल का निरन्तर कार्य किया जा रहा है।
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