वाराणसी: कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में लिया है. महाराष्ट्र के बाद यूपी में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे है. जिसका असर वाराणसी के घाटों पर दिखने लगा है. बनारस के हरिशचंद्र और मणिकर्णिका घाट पर शव को जलाने के लिए लोगों के घंटो इंतजार करना पड़ रहा है. आलम यह है कि घाटों पर शवों के पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है. हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने यूपी में 15 मई तक रविवार को लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है.

घाटों पर शवों को जलाने वाले बता रहे है कि हरिशचंद्र घाट का मंजर इतना भयानक है कि लोग शवों को गिनते-गिनते थक रहे है. शवों को जलाने के लिए मिलने वाली लकड़ी गीली है, जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा. हर समय 25 से 30 शव जलाने के पेंडिग में रखे है. शव जलाने वालो से पता चला रहा है कि शवों को सील पैक करके लाया जा रहे है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी गंभीर है.बीते 24 घंटो में उत्तर प्रदेश में 27,426 कोरोना के नए मामले सामने आए है जिसमें 103 लोगों की कोरोना संकम्रण से मौत हो गई. सबसे खराब हालत राजधानी लखनऊ की है. जहां एक दिन में 6598 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए, जिसमें से 35 लोगों की मौत हो गई. बीते 24 घंटों में 2,23,307 सैम्पल की जांच की गई है. अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया, कि प्रदेश में 1,50,676 कोरोना के एक्टिव मामलों में से 77 हजार से अधिक लोग होम आइसोलेशन में है.

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