मिर्जामुराद के करधना गांव में 1986 में हुई हत्या का आरोपित अब पुलिस के हाथ लगा है। हत्या के बाद जेल गया। फिर जमानत पर रहा। कोर्ट से उम्र कैद की सजा हुई तो 1989 में भाग गया। इसके बाद अब गुरुवार रात आरोपित महेंद्र पटेल को पुलिस ने सोनभद्र के राबर्ट्ससगंज से गिरफ्तार कर लिया। उस पर पांच हजार रुपये का इनाम भी था।

मिर्जामुराद करधना (बोधपुर) गांव में 1986 में भूमि विवाद को लेकर जगन्नाथ पटेल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या में महेंद्र पटेल समेत दो लोग नामजद हुए। कोर्ट ने 1989 में महेंद्र पटेल को दोषी मानते हुए आजीवन जेल की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट का फैसला सुनने के बाद महेंद्र गांव की चल व अचल संपत्ति बेचकर भाग गया। वह 14 साल तक चंदौली में रहा। इस दौरान उसने एक बंदूक भी अपने नाम स्वीकृत करा ली। इसके बाद 2004 में पुनः ठिकाना बदल राबर्ट्ससगंज में बहेरा गांव में रहने लगा। वहां विद्युत विभाग में सिक्योरिटी गार्ड बन गया। एसपी ग्रामीण अमित वर्मा ने बताया कि कोर्ट से वारंट जारी होने पर मिर्जामुराद के एसआई अजीत प्रताप यादव, कांस्टेबल धर्मेंद्र पाल, अशरफी ने सोनभद्र में दबिश देकर वारंटी को गिरफ्तार कर लिया।

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