विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी की अदालत ने छह वर्षीय बालिका के साथ दुराचार में रोहनिया के गुलाब प्रजापति को मंगलवार को दोषी पाते हुए 10 साल की कैद की सजा सुनाई है। 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसमें से आठ हजार रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया है। कोर्ट में अभियोजन के तरफ से विशेष लोक अभियोजक मधुकर उपाध्याय ने पैरवी की।
रोहनिया थाने में नौ मार्च 2016 को रिपोर्ट मुकदमा दर्ज कराया गया था। वादी ने बताया कि छह वर्षीय पुत्री खाना खाकर घर पर खेल रही थी। तभी पड़ोसी गुलाब प्रजापति उसके घर आया। मासूम को छत पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची के चीख-पुकार पर चाची और मां छत पर पहुंचीं। आरोपित को लोगों ने पकड़ लिया। जमकर पीटने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया।
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