होली खेलने के दौरान बहुत से लोग रासायनिक रंगों का प्रयोग करते हैं, जो किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं। इसके कारण लोग लंबे समय के लिए बीमार पड़ सकते हैं। ऐसे में रासायनिक रंगों का प्रयोग ना करें। वहीं, आंखों में रंग जाने से आंखों की रोशनी तक जा सकती है। इसके अलावा त्वचा संबधित रोग हो सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस साल लोगों को कोविड-19 को लेकर भी सतर्कता बरतनी चाहिए, लोग शारीरिक दूरी और मास्क लगाकर या फिर हाथों में दस्ताने पहनकर होली खेल सकते हैं।
सफरदजंग अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डाक्टर विपिन ने बताया कि रंगों का त्यौहार आ रहा है, लेकिन लोगों को होली को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि होली के रंगों में विभिन्न रसायनों का उपयोग किया जा सकता है जो आंखों और त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं। रंग में कॉपर सल्फेट शामिल हो सकते हैं, जिससे आंखों की एलर्जी, घबराहट और दूसरी ओर अस्थाई अंधापन व आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
होली खेलने के दौरान बहुत से लोग रासायनिक रंगों का प्रयोग करते हैं, जो किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं। इसके कारण लोग लंबे समय के लिए बीमार पड़ सकते हैं। ऐसे में रासायनिक रंगों का प्रयोग ना करें। वहीं, आंखों में रंग जाने से आंखों की रोशनी तक जा सकती है। इसके अलावा त्वचा संबधित रोग हो सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस साल लोगों को कोविड-19 को लेकर भी सतर्कता बरतनी चाहिए, लोग शारीरिक दूरी और मास्क लगाकर या फिर हाथों में दस्ताने पहनकर होली खेल सकते हैं।
सफरदजंग अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डाक्टर विपिन ने बताया कि रंगों का त्यौहार आ रहा है, लेकिन लोगों को होली को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि होली के रंगों में विभिन्न रसायनों का उपयोग किया जा सकता है जो आंखों और त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं। रंग में कॉपर सल्फेट शामिल हो सकते हैं, जिससे आंखों की एलर्जी, घबराहट और दूसरी ओर अस्थाई अंधापन व आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know