गृह विज्ञान का अध्ययन सिखाता है स्वावलंबन - डॉ.तस्नीम फातिमा जैदी

बहराइच। गृह विज्ञान विषय के अध्ययन से छात्राएं स्वावलंबन सीखती हैं। इक्कीसवीं सदी के भारत में सशक्त महिला देश के निर्माण में अपनी सार्थक भूमिका निभा सकती है। गृह विज्ञान जैसे विषय का अध्ययन करके वे न केवल स्वावलंबन सीखती हैं बल्कि रोजगार प्राप्त करके अपनी आर्थिक क्षमता को बढ़ा सकती हैं। गृह विज्ञान के पाँच क्षेत्रों गृह प्रबंध, आहार एवं पोषण विज्ञान, प्रसार शिक्षा, बाल विकास और वस्त्र विज्ञान का अध्ययन करके वह अपने भविष्य को बेहतर बना सकती हैं। ये विचार किसान पी.जी. कॉलेज के गृह विज्ञान परिषद द्वारा आयोजित भाषण प्रतियोगिता में गृह विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. तस्नीम फातिमा जैदी ने व्यक्त किए। भाषण प्रतियोगिता का विषय था " नारी शक्ति में गृह विज्ञान शिक्षा का महत्व " इस प्रतियोगिता में बीए प्रथम वर्ष की दिव्या शुक्ला को प्रथम स्थान, बी.ए. द्वितीय वर्ष की अंशिका श्रीवास्तव को द्वितीय स्थान तथा बीए द्वितीय वर्ष की लकी तिवारी को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। निर्णायक मंडल के सदस्य के रूप में एबीवीपी के प्रांत उपाध्यक्ष पंकज सिंह, रसायनशास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.स्मृति वर्मा तथा भूगोल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में जिले वरिष्ठ पत्रकार व असिस्टेंट प्रोफेसर अजय त्रिपाठी तथा सेंटर फॉर हिस्टॉरिकल स्टडीज के प्रभारी डॉ.सत्यभूषण सिंह उपस्थित थे।


तहसील सदर से चंद्रशेखर अवस्थी की रिपोर्ट।

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