अमेरिका में टेक्सस विश्वविद्यालय के मेडिसिन सेंटर के निदेशक नोबल पुरस्कार विजेता डॉ. ब्रूस ए बटलर ने कहा है कि तेजी से बदलता पर्यवरण दवाओं के प्रभाव में परिवर्तन का कारण बन रहा है। यह परिवर्तन पूरी दुनिया के मेडिसिन वैज्ञानिकों के सामने सबसे गंभीर चुनौती है। इसका समाधान किसी एक देश के वैज्ञानिक नहीं कर सकते। सभी को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में भी दुनिया की नजर भारत की ओर है जिसने कोराना वैक्सीन का सफल ईजाद किया है।
डॉ. बटलर शनिवार को बीएचयू के जंतु विज्ञान विभाग के शताब्दी समारोह को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। मेडिसिन एंड फिजयोलॉजी में विश्वस्तरीय कार्य के लिए नोबल पुरस्कार पाने वाले डॉ. बटलर ने हाल के वर्षों में हुए शोध का हवाला देते हुए कहा कि बहुत-सी दवाएं शुरू में रोग विशेष पर चमत्कारी रूप से प्रभावी थीं, अब उन्हीं रोगों पर उनका असर कम हो चला है। यह मेडिसिन साइंटिस्टों के लिए आज के दौर की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि नि:संदेह बीएचयू भी इस क्षेत्र में न सिर्फ अपनी भूमिका तय करेगा बल्कि दुनिया भर के विज्ञानियों को नई राह भी दिखाएगा।
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