मदिरा की फुटकर बिक्री की सीमा एवं वैयक्तिक होम लाइसेंस के संबंध में
अधिसूचना जारी
निजी प्रयोग हेतु व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा के क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में रखने के लिये लेना
होगा लाइसेंस
अब 21 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति नहीं कर सकेंगे मदिरा की खरीद
लखनऊ, दिनांकः 23 मार्च, 2021
उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न प्रकार की मदिरा की फुटकर बिक्री की सीमा का निर्धारण करते हुये अधिसूचना 05 मार्च, 2021 को जारी कर दी गयी है। निर्धारित की गयी मदिरा की सीमा से अधिक अब न तो किसी को फुटकर बिक्री की जा सकेगी न ही इस सीमा से अधिक कोई व्यक्ति मदिरा रख सकेगा। निर्धारित सीमा तक भी बिक्री 21 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को नहीं की जा सकेगी। अब कोई व्यक्ति एक समय में देशी मदिरा (सादा) की 200 एम.एल. धारिता वाली 5 बोतलें और देशी मदिरा (मसाला) की 200 एम.एल. धारिता वाली 5 बोतलें अथवा विदशी मदिरा (भारत में भरी हुई/भारत में निर्मित) 1.5 लीटर, समुद्रपार आयातित विदेशी मदिरा 1.5 लीटर, भारत में भरी वाइन 02 लीटर, समुद्रपार आयातित वाइन 02 लीटर, भारत में भरी बीयर 06 लीटर, समुद्रपार आयातित बीयर 06 लीटर, अन्य प्रकार की भारतीय/आयातित मदिरा 1.5 लीटर, एल.ए.बी. 06 लीटर से अधिक अपनी अभिरक्षा में नहीं रख सकेगा।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, आबकारी श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने दी। उन्होंने बताया कि इस अधिसूचना का उल्लंघन किये जाने पर संबंधित के विरूद्ध संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम, 1910 की धारा-60 के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी, जिसमें 03 वर्ष तक का कारावास और मदिरा में सन्निहित प्रतिफल शुल्क के 10 गुने तक अथवा रूपया 2000/- जो अधिक हो के अर्थदण्ड का प्राविधान है। इसके अतिरिक्त भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत भी कार्यवाही की जा सकती है।
अपर मुख्य सचिव, ने बताया कि वर्ष 2021-22 में व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा के क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में रखने हेतु लाइसेंस दिया जायेगा। इस लाइसेंस हेतु विभिन्न प्रकार की मदिरा की मात्रा एवं इसकी शर्तें आबकारी नीति वर्ष 2021-22 में दी गयी हैं। इस लाइसेंस हेतु वार्षिक लाइसेंस फीस 12,000 रूपये तथा प्रतिभूति 51,000 रूपये निर्धारित है। प्रतिभूति धनराशि जिला आबकारी अधिकारी को प्लेज्ड सावधि जमा रसीद के रूप में देय होगी। इस लाइसेंस को वैयक्तिक होम लाइसेंस कहा जायेगा।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि वैयक्तिक होम लाइसेंस परिसर में परिवार के सदस्य, रिश्तेदार, परिवार के अतिथि एवं मित्र जो 21 वर्ष से कम के न हों, द्वारा वैयक्तिक होम लाइसेंसी को किसी प्रकार का कैश अथवा काइन्ड अथवा दोनों में, भुगतान किये बगैर लाइसेंसी की सहमति से मदिरा पान कर सकेंगे। एक व्यक्ति को अपने एक मूल निवास के लिए ही केवल एक वैयक्तिक होम लाइसेंस अनुमन्य होगा। वैयक्तिक होम लाइसेंस किसी भी व्यक्ति को अपने फार्म हाउस अथवा गेस्ट हाउस के लिए अनुमन्य नहीं होगा। वैयक्तिक होम लाइसेंस हेतु ऐसे आवेदक पात्र होंगे जो विगत 05 वर्षों से आयकर दाता हों। आवेदन पत्र के साथ विगत 05 वर्षों के आयकर रिटर्न की स्वप्रमाणित प्रति संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा। विगत 05 आयकर निर्धारण वर्षों में से न्यूनतम 03 वर्षो में आवेदक द्वारा न्यूनतम 20 प्रतिशत श्रेणी में आयकर का भुगतान किया गया होना चाहिये।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि वैयक्तिक होम लाइसेंस के आवेदन पत्र के साथ आवेदक के पैन कार्ड एवं आधार कार्ड की स्व प्रमाणित प्रति संलग्न होना अनिवार्य होगा। वैयक्तिक होम लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन पाये जाने पर लाइसेंसी के विरूद्ध संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम, 1910 एवं भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी।
अधिसूचना जारी
निजी प्रयोग हेतु व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा के क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में रखने के लिये लेना
होगा लाइसेंस
अब 21 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति नहीं कर सकेंगे मदिरा की खरीद
लखनऊ, दिनांकः 23 मार्च, 2021
उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न प्रकार की मदिरा की फुटकर बिक्री की सीमा का निर्धारण करते हुये अधिसूचना 05 मार्च, 2021 को जारी कर दी गयी है। निर्धारित की गयी मदिरा की सीमा से अधिक अब न तो किसी को फुटकर बिक्री की जा सकेगी न ही इस सीमा से अधिक कोई व्यक्ति मदिरा रख सकेगा। निर्धारित सीमा तक भी बिक्री 21 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को नहीं की जा सकेगी। अब कोई व्यक्ति एक समय में देशी मदिरा (सादा) की 200 एम.एल. धारिता वाली 5 बोतलें और देशी मदिरा (मसाला) की 200 एम.एल. धारिता वाली 5 बोतलें अथवा विदशी मदिरा (भारत में भरी हुई/भारत में निर्मित) 1.5 लीटर, समुद्रपार आयातित विदेशी मदिरा 1.5 लीटर, भारत में भरी वाइन 02 लीटर, समुद्रपार आयातित वाइन 02 लीटर, भारत में भरी बीयर 06 लीटर, समुद्रपार आयातित बीयर 06 लीटर, अन्य प्रकार की भारतीय/आयातित मदिरा 1.5 लीटर, एल.ए.बी. 06 लीटर से अधिक अपनी अभिरक्षा में नहीं रख सकेगा।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, आबकारी श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने दी। उन्होंने बताया कि इस अधिसूचना का उल्लंघन किये जाने पर संबंधित के विरूद्ध संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम, 1910 की धारा-60 के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी, जिसमें 03 वर्ष तक का कारावास और मदिरा में सन्निहित प्रतिफल शुल्क के 10 गुने तक अथवा रूपया 2000/- जो अधिक हो के अर्थदण्ड का प्राविधान है। इसके अतिरिक्त भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत भी कार्यवाही की जा सकती है।
अपर मुख्य सचिव, ने बताया कि वर्ष 2021-22 में व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा के क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में रखने हेतु लाइसेंस दिया जायेगा। इस लाइसेंस हेतु विभिन्न प्रकार की मदिरा की मात्रा एवं इसकी शर्तें आबकारी नीति वर्ष 2021-22 में दी गयी हैं। इस लाइसेंस हेतु वार्षिक लाइसेंस फीस 12,000 रूपये तथा प्रतिभूति 51,000 रूपये निर्धारित है। प्रतिभूति धनराशि जिला आबकारी अधिकारी को प्लेज्ड सावधि जमा रसीद के रूप में देय होगी। इस लाइसेंस को वैयक्तिक होम लाइसेंस कहा जायेगा।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि वैयक्तिक होम लाइसेंस परिसर में परिवार के सदस्य, रिश्तेदार, परिवार के अतिथि एवं मित्र जो 21 वर्ष से कम के न हों, द्वारा वैयक्तिक होम लाइसेंसी को किसी प्रकार का कैश अथवा काइन्ड अथवा दोनों में, भुगतान किये बगैर लाइसेंसी की सहमति से मदिरा पान कर सकेंगे। एक व्यक्ति को अपने एक मूल निवास के लिए ही केवल एक वैयक्तिक होम लाइसेंस अनुमन्य होगा। वैयक्तिक होम लाइसेंस किसी भी व्यक्ति को अपने फार्म हाउस अथवा गेस्ट हाउस के लिए अनुमन्य नहीं होगा। वैयक्तिक होम लाइसेंस हेतु ऐसे आवेदक पात्र होंगे जो विगत 05 वर्षों से आयकर दाता हों। आवेदन पत्र के साथ विगत 05 वर्षों के आयकर रिटर्न की स्वप्रमाणित प्रति संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा। विगत 05 आयकर निर्धारण वर्षों में से न्यूनतम 03 वर्षो में आवेदक द्वारा न्यूनतम 20 प्रतिशत श्रेणी में आयकर का भुगतान किया गया होना चाहिये।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि वैयक्तिक होम लाइसेंस के आवेदन पत्र के साथ आवेदक के पैन कार्ड एवं आधार कार्ड की स्व प्रमाणित प्रति संलग्न होना अनिवार्य होगा। वैयक्तिक होम लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन पाये जाने पर लाइसेंसी के विरूद्ध संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम, 1910 एवं भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी।
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