उतरौला (बलरामपुर)शादी में दहेज की मांग करना,या शादी के लिए दबाव बनाकर पैसे की मुतालबा करना (मांग) पूरी तरह गैर इस्लामी और नाजायज है। मस्जिदों में इमाम जुमे की नमाज से पहले मुसलमानों को दहेज की मांग जैसे बुरे काम से खुद को दूर रखने के लिए लोगों को जागरूक करें।
यह बातें मौलाना मुफ्ती मोहम्मद जमील अहमद खां ने सभी इमाम से अपील करते हुए कहा कि अहमदाबाद में दहेज की मांग से तंग आकर जिस तरह आयशा आरिफ खान ने साबरमती नदी में कूद कर खुदकुशी कर ली,जो मुस्लिम समाज के लिए चिंता का विषय है मौलाना ने कहा कि मस्जिदों के इमाम को चाहिए कि शुक्रवार को जुमे की नमाज में निकाह के लिए शरई आदेश के साथ शौहर और बीबी के अधिकार व कर्त्तव्यों की जानकारी दें जो अल्लाह और उसके रसूल ने तय किए हैं।
मौलाना ने कहा कि निकाह एक बड़ी इबादत है लेकिन इस मौके पर कुछ लोग दहेज की मांग करते हैं जो शरई तौर पर हराम है उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में तमाम लोग ऐसे हैं जो दहेज को गैर इस्लामी मानते हैं लेकिन कुछ लोग इसे रिवाज बनाये हुए हैं मौलाना ने मुस्लिमों से अपील करते हुए कहा कि तय करें कि शादियों में न तो दहेज की मांग नहीं करेंगे। दहेज रहित समाज की स्थापना करने पर ही लड़कियां खुदकुशी जैसा खतरनाक कदम नहीं उठाएगी।
असगर अली
उतरौला
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