मिर्जापुर। जिला मुख्यालय पर सोमवार को आशा संगिनी कर्मचारी संगठन के तत्वावधान में आशा कार्यकत्रियों ने प्रदर्शन कर राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग की। साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित 10 सूत्री मांगपत्र जिलाधिकारी को सौंपा।
इस अवसर पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि आशा व आशा सहयोगिनी वर्कर्स को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए। साथ ही आशा को कम से कम 18 हजार व आशा सहयोगी को 24 हजार प्रतिमाह वेतन दिया जाए। भुगतान के प्रभावी होने तक वर्तमान प्रोत्साहन राशि का दो गुना करके भुगतान किया जाए। सेवानिवृत्त लाभ के रूप में एकमुश्त पांच लाख का भुगतान किया जाए। वक्ताओं ने कहा कि आशा व सहयोगी वर्कर्स का बीमा किया जाए और दुर्घटना में मृत्यु होने पर पांच लाख का भुगतान मुआवजा के रूप में दिया जाए। अनुभवी आशा व सहयोगी वर्कर्स के टीकाकरण के प्रशिक्षण की व्यवस्था, उम्र का बंधन हटाते हुए योग्यताधारी आशा सहयोगी को एएनएम तथा आशा को सहयोगी के पद पर पदोन्नति करने की मांग की। कहा कि वर्ष में दो बार ड्रेस भत्ता का भुगतान, आशा का कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए आशा व सहयोगी वर्कर्स को यात्रा भत्ता का भुगतान किया जाए। नेतृत्व हेमलता ने किया। इस अवसर पर सुनीता दुबे, सुधा मौर्यापवन कुमारी, ननकी, चंद्रकला, शर्मिला, शहनाज बानो, रेखा, नैंसी ने वर्ष 2017 में आशा और संगिनी कर्मचारियों के लिए किए गए चुनावी वादा को पूर्ण करने की मांग की।

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