प्रसूता की डिलीवरी के दौरान लापरवाही बरतने से नवजात की मौत, प्रसूता का हालत गंभीर होने पर इलाज में लाखों रुपये खर्च होने के मामले में उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष ने खर्च की राशि डॉक्टर से वसूलने का आदेश दिया है। उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष ने प्रसूता के इलाज में लगे तीन लाख रुपये 30 दिन में पीड़िता को देने का आदेश दिया है। 30 दिन में राशि नहीं देता है तो भुगतान की अंतिम तारीख तक सात फीसदी वार्षिक ब्याज भी देना होगा।

हुकुलगंज के कमलेश यादव की पत्नी सरोज यादव की डिलवरी होनी थी। परिजनों ने 13 जुलाई 2014 को आशापुर के हिरामनपुर के डॉ. वीएन शुक्ला के विष्णु हास्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर में भर्ती कराया। चिकित्सक ने बताया कि आपरेशन से डिलीवरी हो सकेगी। इसके लिए 20 हजार रुपये लिये। सास, ससुर व पति की अनुपस्थिति में उसका ऑपरेशन कर दिया गया। लापरवाही के कारण उसकी बच्ची की मौत हो गई। उसकी भी हालत गंभीर हो गई। कुल 25 हजार रुपये लेने के बाद डॉक्टर ने रेफर कर दिया। कई अन्य अस्पताल में इलाज के बाद बीएचयू में किसी तरह महिला की जान बची। इलाज में कुल तीन लाख रुपये खर्च हुए। अन्य चिकित्सकों ने बताया था कि ऑपरेशन में लापरवाही बरती गई, जिसके चलते ये हालत हुई है। इसके बाद सरोज यादव ने उपभोक्ता फोरम की शरण ली। फोरम के अध्यक्ष ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद चिकित्सक की लापरवाही पाई।

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