NCR News:दुनिया में बाल विवाह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दशक के अंत से पहले 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के एक करोड़ अतिरिक्त बाल विवाह हो सकते हैं। दुनिया की बालिकावधुओं में आधी से ज्यादा पांच देशों में हैं। इन देशों में एक भारत भी है। संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़े संगठन यूनिसेफ की रिपोर्ट ‘कोविड -19 : ए थ्रेट टू प्रॉग्रेस अगेंस्ट चाइल्ड मैरिज’ में यह निष्कर्ष दर्ज है।रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर जारी की गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में आज जीवित लगभग 65 करोड़ लड़कियों और महिलाओं का विवाह बचपन में हुआ। इनमें से आधी संख्या बांग्लादेश, ब्राजील, इथोपिया, भारत और नाइजीरिया में है। दुनिया की तीन में से एक बाल वधु भारत में रहती है।भारत की तरह नेपाल की बात करें तो वहां शादी की कानूनन उम्र 20 वर्ष है। लेकिन हालात वहां भी खराब हैं। यहां लड़कियां अधिकांशत: घर में ही रहती हैं। ऐसे में उनके लिए जल्द विवाह को टालना मुश्किल हो जाता है। पर्यटन नेपाल में आय का प्रमुख साधन है। लेकिन कोरोना ने इसे भी चोट पहुंचाई है।इससे लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं। युवा पहाड़ों में बसे अपने गांव में हैं। ऐसे में विवाह उनके लिए जीवन में आगे बढ़ने का सबसे सहज विकल्प है। रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि इस दशक के अंत से पहले ही 18 साल से कम उम्र की शादियों में एक करोड़ का आंकड़ा और जुड़ सकता है।
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